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भगवान राम के चरणों की धूल लगते ही हुआ अहिल्या का उद्धार, मुनि विश्वामित्र ने बताई गंगाजी की उत्पत्ति

देवलचौरी गांव में चल रही रामलीला में शुक्रवार को नगर घुमाई की लीला का मंचन किया गया।

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सागर

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Rizwan ansari

Feb 08, 2025

sagar

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देवलचौरी गांव में चल रही रामलीला में शुक्रवार को नगर घुमाई की लीला का मंचन किया गया। शुरूआत में राजा जनक का दूत आमंत्रण लेकर मुनि विश्वामित्र के पास पहुंचता है और उन्हें सीता स्वयंवर का आमंत्रण देता है। राम-लक्ष्मण मुनि विश्वामित्र के साथ जनकपुरी के लिए रवाना होते हैं। रास्ते में एक शिला पड़ी देख भगवान राम के प्रश्न पर मुनि विश्वामित्र ने बताया कि यह गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या हैं। इस शिला पर अपने पांव की रज लगाकर इसका उद्धार करें। मुनि विश्वामित्र के कहने पर भगवान राम जैसे ही शिला को पैर से छूते हैं तो अहिल्या उठकर खड़ी हो जाती हैं। आयोजक परिवार के भारतभूषण तिवारी व सरपंच मयंक तिवारी ने बताया कि शनिवार को रामलीला में पुष्प वाटिका की लीला का मंचन किया जाएगा।

गंगा के घाट पर पंडों ने बताई वशांवली

राम-लक्ष्मण गंगा के घाट पर पहुंचते हैं, जहां मुनि विश्वामित्र ने उन्हें गंगा जी की उत्पत्ति के संबंध में बताया। इसके बाद दोनों भाई गंगाजी के घाट पर पहुंचे, जहां पर पंडों ने उनकी पूरी वंशावली बताई। जनकपुरी पहुंचने के बाद राम-लक्ष्मण मुनि विश्वामित्र से नगर घूमने की इच्छा प्रकट करते हैं, मुनि की आज्ञा मिलते ही जब दोनों भाई नगर में निकलते हैं तो उनकी अलोकिक छटा देखकर हर कोई मंत्र मुग्ध हो जाता है। रामलीला में इस दौरान सखियों ने संगीत के माध्यम से भगवान की सुंदरता का वर्णन किया।

इन पात्रों ने किया अभिनय

जनक मनहरण तिवारी, पंडा के रूप में अंकित सेन, गन्नू पटेल, रमन तिवारी व सरमन चढ़ार रहे। वहीं व्यास गादी पर मुकुल तिवारी व चंद्रेश तिवारी तो ढोलक पर मनोहर चढ़ार ने संगत दी।