
MP News :मध्यप्रदेश में एक बार फिर डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। सागर के निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद महिला के पेट में डॉक्टरों ने कपड़ा छोड़ दिया जिससे एक साल बाद उसकी मौत हो गई। मृतक अपने पीछे ग्यारह माह की बच्ची छोड़ गई है। घटना से गुस्साए परिजन ने शनिवार को अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया और मासूम बच्ची के भरण-पोषण के लिए मुआवजे की मांग की। पुलिस की समझाइश के बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ।
यह मामला सागर के खुरई स्थित राठौर मिशन अस्पताल का बताया जा रहा है। डॉक्टरों की लापरवाही की शिकार हुई महिला सुनीता अहिरवार के भाई सुनील अहिरवार ने बताय कि, 'एक साल पहले 6 सितम्बर 2023 को राठौर मिशन अस्पताल में मेरी बहन की सिजेरियन डिलीवरी हुई थी। सुनीता ने के बच्ची को जन्म दिया था। ऑपरेशन के बाद से ही अक्सर उसे पेट में दर्द की शिकायत थी।'
सुनील अहिरवार ने बताया कि, 'पेट दर्द अधिक बढ़ने लगा तो हम उसे मिशन अस्पताल में लाए लेकिन जांच के बाद भी कोई आराम नहीं हुआ। इसके बाद महिला को इलाज के लिए झांसी, भोपाल और बीना भी ले गए, लेकिन उसकी तकलीफ कम नहीं हुई। 23 अगस्त 2024 में सुनीता को सागर के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां 4 दिन बाद डॉक्टरों ने परीक्षण कर बताया कि उसके पेट में कपड़ा है, जिसे निकालने के लिए हमे ऑपरेशन करना पड़ेगा।
28 अगस्त को डॉक्टरों ने महिला के पेट में मौजूद कपड़े को बाहर निकाला। कुछ दिनों तक उसे अस्पताल में ही रखा गया। लेकिन, कपड़े से इंफेक्शन अधिक फैल जाने से 7 सितंबर शनिवार को इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। बता दें कि ठीक दो महीने पहले सुनीता के पति की भी हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। सुनीता अपने पीछे एक ग्यारह माह की बच्ची छोड़ गई है।
मौत के बाद शनिवार की शाम गुस्साए परिजन ने राठौर मिशन अस्पताल के बाहर सड़क पर महिला का शव रखकर खूब हंगामा किया और मासूम बच्ची के लिए आर्थिक सहायता देने की मांग की। मामले की जानकारी लगते ही देहात थाना प्रभारी धर्मेंद्र यादव, शहरी थाना प्रभारी शशि विश्वकर्मा अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने समझाइश के बाद हंगामे को शांत किया। आज महिला के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
केस नंबर-1
इससे पहले भी प्रदेश में ऐसी घटनाएं देखने को मिली है। मंदसौर में सरकारी डॉक्टरों ने महिला की नशबंदी के ऑपरेशन के दौरान उसके पेट में कैंची छोड़ दी थी। महिला को इसके चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हैरान करने वाली बात तो यह थी कि पीड़िता के परिजन को दस सालों बाद इस बात का पता चला। फिलहाल ऑपरेशन के बाद कैंची को बाहर निकाल दिया गया है।
केस नंबर-2
राजधानी भोपाल से भी मंदसौर जैसी ही घटना सामने आई थी। पिछले साल भोपाल केयर अस्पताल में इलाज के लिए छतरपुर से आई महिला के पेट में सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने कैंची छोड़ दी। जिसके बाद उसे पेट में दर्द की शिकायत होने लगी। दर्द के असल वजह का खुलासा चार महीने बाद हुआ। जिसे जानकर हर कोई हैरान था।
Updated on:
08 Sept 2024 01:16 pm
Published on:
08 Sept 2024 01:12 pm
बड़ी खबरें
View Allसागर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
