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स्कूल और कॉलेजों में नहीं मिल रही छात्राओं को सुविधा, सेनेटरी पेड वेंडिंग मशीन बंद

स्कूल-कॉलेज में छात्राओं के लिए सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन होना जरूरी है, लेकिन शहर के स्कूल और कॉलेज में ही इसका अमल नहीं हो रहा है।

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सागर

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Reshu Jain

Jan 15, 2023

Dust settles on sanitary pad vending machines in schools and colleges

Dust settles on sanitary pad vending machines in schools and colleges

रेशु जैन.स्कूल-कॉलेज में छात्राओं के लिए सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन होना जरूरी है, लेकिन शहर के स्कूल और कॉलेज में ही इसका अमल नहीं हो रहा है। पत्रिका ने शहर के स्कूल और कॉलेज की पड़ताल की तो हकीकत सामने आई। स्कूल और कॉलेज में कहीं-कहीं वेंडिंग मशीन तो है, लेकिन इनमें पैड नहीं है। छात्राओं की सुरक्षा से जुड़ी ही बड़ी व्यवस्था पर प्रबंधन ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। छात्राओं का कहना है कि मशीन में कई महीनों से ही पैड की रिफलिंग नहीं हो रही है।शहर के एक्सीलेंस गर्ल्स कॉलेज में जिले भर से पढ़ाई के लिए 13 हजार छात्राएं पहुंचती हैं। यहां तीन वर्ष पहले ही सेनेटरी पैड वेडिंग मशीन लगाई गईं थी। कॉलेज के छात्रावास में दो-दो वेंडिंग मशीन और एक इंसीलेटर मशीन भी लगी हुई है, लेकिन वर्तमान में तीनों बंद हैं। एक मशीन पर लिखा हुआ है कि वॉशरूम का उपयोग करने के बाद पानी डालें, वहीं दूसरी पर धूल जमी हुई है। जब यहां टीम पहुंची तो पहले मशीन को साफ किया गया। छात्राओं ने बताया कि इस वर्ष छात्रावास खुलने के बाद मशीन चालू ही नहीं की गई और पैड भी महंगे हैं। इस संबध में स्कूल की प्राचार्य इला तिवारी का कहना है कि वेंडिंग मशीन को जल्द चालू करा देंगे। मशीन बंद होने की जानकारी नहीं थी। छात्राओं को सस्ते पैड मिले इसकी बाद कॉलेज प्रबंधन की बैठक में करेंगे।

एक्सीलेंस स्कूल में दोनों मशीन बंद पड़ी

शहर के एक्सीलेंस स्कूल में भी 500 से ज्यादा छात्राएं अध्यनरत हैं। यहां वेंडिंग मशीन के साथ इंसीलेटर मशीन भी लगाई गई थी, लेकिन यहां दोनों मशीन बंद है। छात्राओं ने बताया कि पहले मशीन में 5 रुपए डालने से पैड मिल जाते थे। अभी कई दिनों से रिफलिंग ही नहीं हुई है। प्राचार्य महेन्द्र प्रसाद तिवारी का कहना है शिक्षिकाओं को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। छात्राओं की सुविधाओं के लिए मशीन को जल्द रिफलिंग कराया जाएगा।

सीएमराइज एमएलबी (क्रं1) में नहीं है मशीन

शहर के सीएमराइज एमएलबी स्कूल (क्रं1) में मशीन ही नहीं है। यहां 2000 से ज्यादा छात्राएं अध्यनरत हैं। छात्राओं ने बताया कि कभी-कभी सेनेटरी पैड के लिए मैडम से मदद मांगते हैं। मशीन नहीं होने से परेशानी होती है। छात्राओं ने बताया कि स्कूल छोड़कर कभी घर पर भी जाना पड़ता है। प्राचार्य विनय दुबे का कहना है कि स्कूल में जल्द ही मशीन लगाई जाएगी। अभी सागर के बाजार में मशीन उपलब्ध नहीं हो पाई है। इसके लिए दिल्ली के एक एनजीओ में रजिस्ट्रेशन कराया है और मशीन स्कूल के लिए जल्द उपलब्ध होगी।

स्कूलों में छात्राओं की सुविधाओं के लिए सेनेटरी पैड वेडिंग मशीन लगाने के निर्देश हैं। जिले के सभी स्कूलों से जानकारी लेकर मशीन लगाई जाएगी।

अखिलेष पाठक, जिला शिक्षा अधिकारी