- हादसों में हर साल 500 से ज्यादा लोग गवां रहे जान- होने वाले हादसों में 60 फीसदी मौत ब्लैक स्पॉट पर
सागर. शनिवार सुबह सागर-छतरपुर हाइवे के निवार घाट पर हुई बस दुर्घटना ने एक बार फिर जिले में काम कर रही एजेंसियों की ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना की आशंका वाले स्थान) की अनदेखी उजागर कर दी है। एक दशक से सड़क के इन हिस्सों पर हादसे हो रहे हैं लेकिन सुधार के नाम पर प्रयास केवल फाइलों में ही सिमटे रहने से ब्लैक स्पॉटों की संख्या कम होने की जगह बढ गई है। जिस निवार घाट पर शनिवार सुबह बस पलटने से चार लोगों की जान चली गई और 20 घायल हुए हैं वह भी ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित है।
-निगरानी एजेंसियों की अनदेखी, जिम्मेदार भी मौन :
जान गंवाने वालों की संख्या साल दर साल बढऩे के बाद भी जिम्मेदारों का रवैया उदासीनता भरा है। सड़क सुरक्षा समितियों की बैठक में हादसों की वजह और सुधार के बिंदुओं पर चर्चा के बाद कार्रवाई केवल फाइलों में ही सिमट कर रह जाती है। इसके लिए जिम्मेदार एनएचएआई, लोक निर्माण विभाग, यातायात पुलिस, एमपीआरडीसी और जिला प्रशासन की बेरुखी वाहन चालकों की मौत की वजह बनती है।
- हादसों के ग्राफ के साथ बढ़े ब्लैक स्पॉट :
जिले से दो नेशनल हाइवे और चार स्टेट हाइवे सहित जिला मार्ग गुजरते हैं। वर्ष 2021 में सड़क हादसों में मरने वालों का आंकड़ा 500 तक पहुंच गया था। जबकि इस वर्ष जनवरी के 31 और फरवरी के 18 दिनों में सड़क दुर्घटनाओं में 60 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इतनी अधिक दुर्घटनाओं के बाद भी सरकारी तंत्र की सुस्ती के चलते ठोस सुधार नहीं किए गए और नतीजा ब्लैक स्पॉट की संख्या में इजाफे के रूप में सामने आया है। जिले की सड़कों पर दुर्घटना की आशंका वाले 24 स्पॉट थे जो अब बढ़कर 26 हो गए हैं।
-ढलान वाले मोड़ पर चौड़ाई कम, हाइवे पर सर्विस लेन बिना सीधे जोड़े मार्ग :
निवार घाट का तीखा ढलान और घुमाव शनिवार सुबह तेज गति से दौड़ रही बस के पलटने की वजह बना है। यदि यहां सड़क की चौड़ाई अधिक होती तो हादसा टल सकता था। ऐसी ही स्थिति शाहगढ़ के पास पठानबली घाट, मालथौन क्षेत्र में झींकनी घाट, राहतगढ़ के चौकी का हाथीवान घाट, रहली रोड पर कड़ता घाटी की है। यहां सड़क के ढलान वाले हिस्से पर घुमाव है जिससे वाहन चालक यदि गति को नियंत्रित नहीं कर सका ता हादसा तय है। वहीं गढ़पहरा- रानीपुरा क्रॉसिंग, घोषी पट्टी, केसली तिगड्डा, पाली तिराहा, चना टौरिया, साईखेड़ा, पामाखेड़ी, बेरखेड़ी, सुरखी तिगड्डा सहित दर्जन भर ऐसे स्थान हैं जहां ग्रामीण या नगर की सड़क को हाइवे पर बिना सर्विसलेन के सीधे जोड़ दिया गया है।
- जिले में चिन्हित ब्लैक स्पॉट :
- गढ़पहरा तिराहा-फोरलेन जोड - सिलौधा पुलिया - बनहट पुलिया
- नीम घाटी - केसली तिराहा - गुरु चौपड़ा
- निवार घाट - चीमाढाना-फोरलेन जोड़ - बीना बारहा चौराहा
- तिंसी घाट - छापरी मोड़ आइटीआई तिराहा -चनाटौरिया-सिद्धगुवां
- बाछलोन तिराहा - फोरलेनझंडा बाबा- केरबना रोड -पाली तिगड्डा
- झींकनी घाट - कड़ता घाट -छिरारी स्कूल मोड़
- बेरखेड़ी सड़क - चौकी पुल - पठानवली शाह घाट
- बम्होरी चौराहा- फोरलेन - करैया तिराहा
- दूसरे जिलों में घटे ब्लैक स्पॉट, सागर में इजाफा :
प्रदेश के 51 जिलों में ब्लैक स्पॉट की संख्या 465 से घटकर 395 रह गई है। यह सड़क के दुर्घटना आशंकित स्थानों पर तकनीकी सुधार की वजह से हुआ है। लेकिन सागर में यह स्थिति विपरीत है। यहां दो वर्ष में ब्लैक स्पॉट की संख्या 24 से बढ़कर 26 हो गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी सूची में 2020 के मुकाबले वर्ष 2021 में ब्लैक स्पॉट की संख्या 70 बताई गई है। इसी सूची में सागर को प्रदेश में सर्वाधिक ब्लैक स्पॉट वाला जिला भी चिन्हित किया गया है।
- प्रदेश में ब्लैक स्पॉट वाले टॉप-10 जिले :
- सागर- 26 खरगोन- 24
- बड़वानी- 20 इंदौर देहात- 20
- जबलपुर- 16 खंडवा- 14
- भिण्ड- 13 रायसेन- 13
- इंदौर शहर-12 मुरैना- 12