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नाम की फोटो मीटर रीडिंग, घरेलू उपभोक्ता को थमाया 88 हजार रुपए से ज्यादा बिजली बिल

बिजली बिलों में नहीं सुधर रहीं गलतियां, हर माह आ रहे गलत बिजली बिल, बिल पर फोटो लगाने के बाद एक माह की बता रहे 10207 यूनिट की खपत।  

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Electricity bill for 88 thousand rupees given to domestic consumer

Electricity bill for 88 thousand rupees given to domestic consumer

सागर. बिजली कंपनी भले ही सालों से फोटो मीटर रीडिंग के नाम पर उपभोक्ताओं को मूर्ख बना रही हो, लेकिन हर माह बिजली बिलों में सामने आ रहीं गलतियां कंपनी के खोखले सिस्टम की पोल खोल रहीं हैं। ऐसा ही एक मामला सागर ग्रामीण डिवीजन के तहत आने वाले ढाना गांव के आशीष तिवारी का सामने आया है। जहां पर कंपनी ने एक सामान्य घरेलू उपभोक्ता को महज एक माह में 10207 यूनिट बिजली की खपत दर्शाते हुए 88872 रुपए का बिजली बिल थमा दिया है। जिसे देखकर उपभोक्ता हैरान है और अब बिल सुधरवाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है।

जिले भर में एक सी स्थिति

यह तो एक ऐसा मामला है जो सामने आया है, लेकिन यह स्थिति पूरे जिले में बनी हुई है। कंपनी हर माह उपभोक्ताओं को गलत बिजली बिल थमा रही है और फिर उसे सुधरवाने के लिए उपभोक्ता कंपनी कार्यालय और अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। जबकि शहर सहित पूरे जिले में बिजली कंपनी सालों से फोटो मीटर रीडिंग के आधार पर बिजली बिल जारी कर रही है। शहर में भी आए दिन कंपनी के कार्यालय में ऐसे उपभोक्ता परेशान होते नजर आते हैं।

कर्मिशियल से ज्यादा बिल

उपभोक्ता का कहना है कि कंपनी ने जिस हिसाब से बिल थमाया गया है, वैसी स्थिति किसी व्यवसायिक उपभोक्ता की भी नहीं होगी। बिजली कंपनी द्वारा जारी बिल के अनुसार जिस उपभोक्ता के घर में चार पंखे, दो कूलर, एक फ्रिज और आठ के करीब एलइडी लाइट लगी हैं, उसे 340.23 यूनिट प्रति दिन बिजली की खपत 2925.03 रुपए प्रति दिन का औसत खर्च दिया गया है। इस हिसाब से उपभोक्ता ने महज एक माह में 10207 यूनिट बिजली का उपयोग किया, जिसके बदले उसे 88872 रुपए का भारी-भरकम बिल थमा दिया गया है।

क्रॉस वेरिफिकेशन पर उठ रहे सवाल

बिजली कंपनी फोटो मीटर रीडिंग का क्रॉस वेरिफिकेशन कराती है। यह चौकिंग कंपनी के अधिकारियों के जिम्मे होती है। अधिकारी मीटर रीडर्स द्वारा ली गई मैनुअल व फोटो रीडिंग को क्रॉस चौक करते हैं और सही पाए जाने के बाद ही जानकारी सर्वर पर अपलोड की जाती है, लेकिन हर माह हो रहीं गलतियों ने अधिकारियों के वेरिफिकेशन पर सवालिया निशान लगा दिया है। इसके बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी बिना क्रॉस वेरिफिकेशन के ही मीटर रीडर्स की जानकारी सीधे सर्वर पर अपलोड कर रहे हैं।

फैक्ट फाइल

50 यूनिट हुई थी मई में खपत।
10207 यूनिट दर्शा दी जून की खपत।

340 यूनिट से ज्यादा एक दिन की औसत खपत।
88872 रुपए का जारी किया बिल।

2925 रुपए हो रहा दैनिक चार्ज।