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शहर में पानी का संकट और निगम ने खरीदे थे 1.25 करोड़ के मीटर, रीडिंग का पता नहीं

नगर निगम प्रशासन ने पानी के इंतजाम पर ध्यान देने की बजाय मीटर खरीद लिए

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Example of the location of money in government system

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सागर. शहर में हमेशा पानी का संकट बना रहता है। एकमात्र राजघाट का स्रोत होने के कारण तीसरे दिन पानी की सप्लाय होती है। लेकिन नगर निगम प्रशासन ने पानी के इंतजाम पर ध्यान देने की बजाय सवा करोड़ रुपए के पानी के मीटर खरीद लिए। इन्हें साढ़े ६ हजार घरों में लगाया भी गया। रीडिंग एक की भी नहीं आई। दरअसल यह सरकारी तंत्र में धन के ठिकाने लगाने का उदाहरण है। बताया गया है कि सागर नगरनिगम को केंद्रीय अनुदान मिला था तो आनन-फानन में अफसरों ने 6 करोड़ रुपए के मीटर खरीदने का प्रस्ताव बना लिया। इसके आर्डर भी कर दिए। लेकिन 1.25 करोड़ का ही आवंटन मिल पाने के कारण इतने ही मीटर खरीदे जा सके। 10 वार्र्डों में लगवाए गए ये पानी के मीटर गायब हो गए हैं। दिल्ली की टीम ने 24 घंटे पानी का सब्जबाग दिखाकर इन्हें लगाया था। इनमें अधिकतर गायब हो गए और कुछ टूट गए ।
निशुल्क लगाए थे मीटर: शहर में विरोध न हो इसलिए उपभोक्ताओं से कोई शुल्क नहीं लिया गया था। डेढ़ साल पहले लगे इन मीटरों का अब अता-पता नहीं है। उपभोक्ताओं ने भी कह दिया जब पानी नहीं तो
रीडिंगग कैसी?
दो हजार रुपए का था एक मीटर
पानी के एक मीटर की कीमत लगभग दो हजार रुपए थी। एजेंसी ने डॉ. हरिसिंह गौर वार्ड, इंद्रानगर वार्ड, सिविल लाइन, मधुकर शाह वार्ड, शिवाजीनगर समेत कुछ अन्य वार्डों के 80 प्रतिशत से ज्यादा घरों में मीटर लगाए थे। एजेंसी ने मीटर लगाने के बाद चार पावतियां तैयार कीं थीं जिसमें एक उपभोक्ता, दूसरी नगर निगम प्रशासन, तीसरी एजेंसी और चौथी दिल्ली भेजी गई थी।
नहीं थी उपयोगिता
सिविल लाइन क्षेत्र से मीटर लगाने की शुरुआत करीब डेढ़ वर्ष पहले की गई थी। यहां पर कुछ जागरुक लोगों ने इसका विरोध भी किया था लेकिन नेताओं व अधिकारियों पर दिल्ली की एजेंसी का दबाव होने के कारण जबरदस्ती घरों में मीटर लगा दिए। मीटर के लगने के बाद से उनकी एक बार भी उपयोगिता सिद्ध नहीं हुई जिसके कारण लोगों ने मीटर उखाड़ फेंके।
फैक्ट फाइल
10 वार्डों के लिए आए थे
6400 मीटर
200 रुपए में आया था एक
1.25 करोड़ रुपए में खरीदे गए थे
ये थी तकनीक
1000 लीटर पानी निकलने पर एक प्वाइंट मूव करता है मीटर
एक लीटर, 10 लीटर, 100 लीटर और 1000 लीटर के चार छोटे-छोटे मीटर थे।