
atm frauds in sagar
सागर. इन दिनों शहर में एक गिरोह सक्रिय है, जो सड़े-गले नोटों को लोगों से औने-पौने दामों में लेकर गलाने में लगा है। हैरत की बात यह है कि बैंक प्रबंधन भी इस बात से अनभिज्ञ हैं। शासकीय बैंकों से लेकर प्राइवेट बैंक की एटीएम मशीनें एेसे नोट उगल रहीं हैं, जिन्हें बैंक तक मान्य नहीं कर रहीं हैं। पत्रिका टीम ने पड़ताल की तो यह हकीकत उजागर हुई। एटीएम मशीनों में लोडिंग कर रहीं कुछ प्राइवेट एजेंसियों पर शक की सुई घूम रही है। उनके माध्यम से गिरोह सांठगांठ कर एटीएम मशीनों के माध्यम से अमान्य करंसी भी गलाने में जुटी हुई है। बैंक प्रबंधन का कहना है कि वह एक भी कटा-फटा या स्याही लगा नोट एटीएम मशीन में लोड करने के लिए नहीं देते हैं। इसके बाद यह नोट यदि मशीन से निकल रहे हैं तो इसमें लोडिंग एजेंसी भागीदार हो सकती है। बैंक प्रबंधन ने यह भी कहा कि जो भी एेसी शिकायतें आ रहीं हैं वह उन्हीं एटीएम मशीनों की हैं जहां पर प्राइवेट एजेंसी लोडिंग का काम कर रहीं हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि लोडिंग कर रही एजेंसी के लोग ही गिरोह के साथ मिलकर अमान्य नोटों को बदलकर मान्य करने में जुटे हुए हैं।
तीन नोटों पर पेन से लिखावट थी और एक नोट कटा-फटा था
पिछले दिनों बड़ा बाजार निवासी देवेंद्र चौबे ने चमेली चौक स्थित एक एटीएम बूथ से 10 हजार रुपए निकाले थे। जिसमें दो-दो हजार के पांच नोट निकले, लेकिन देवेंद्र ने जब नोट देखे तो उसमें से तीन नोटों पर पेन से लिखावट थी और एक नोट कटा-फटा था। उन्होंने तुरंत ये नोट एटीएम में लगे कैमरे में दिखाए और वहां खड़े गार्ड को भी जानकारी दी। बाद में बैंक जाकर नोटों को बदल लिया गया। देवेंद्र ने यह शिकायत भी बैंक प्रबंधन से की है। इस बात की जानकारी लगी तो पड़ताल की गई, जिसमें गिरोह के सक्रिय होने की बात सामने आई है।
आप ये करें
खराब नोट निकलें तो एटीएम के सीसीटीवी कैमरे में उन्हें दिखाएं। मोबाइल से फोटो लें व सुरक्षा गार्ड को बताएं।
आमजन को ज्यादा परेशानी
आरबीआई के नियमों के तहत एक निश्चित मात्रा से ज्यादा कटे-फटे नोट बैंक स्वीकार नहीं करता है। आरबीआई ने नोटों पर स्याही का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है। इसके बाद एटीएम मशीनों से एेसे नोट निकल रहे हैं। इसमें यदि सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है तो वह हैं आम उपभोक्ता। क्योंकि जागरूक लोग तो मोबाइल में फोटो लेकर, एटीएम पर बैठे गार्ड को साक्ष्य बनाकर, कैमरे में नोट दिखाकर ये नोट बैंक में बदल लेता है, लेकिन आम और गरीब तबके का उपभोक्ता इतना जागरूक नहीं होने के कारण नोटों को बदलवाने के लिए भी बैंकों के चक्कर काटते रहता है।
हमारे द्वारा किसी भी प्रकार के कटे-फटे या स्याही लगे नोट एटीएम मशीनों में लोड करने नहीं दिए जाते हैं। इसमें लोडिंग एजेंसी की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। मामला गंभीर है इसे जांच कर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
संजीव कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, एसबीआई
Published on:
28 Nov 2017 12:27 pm
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