
Farmers are applying more urea than required
बीना. किसान बिना सलाह लिए ही खेतों में रासायनिक खादों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे जमीन की ऊर्वरा शक्ति पर असर पड़ रहा है। यूरिया खाद भी गेहूं की फसल में जरूरत से अधिक डाल रहे हैं, जिससे लाभ की जगह हानि हो रही है।
अच्छी उपज लेने के चक्कर में किसान डीएपी, यूरिया खाद ज्यादा मात्रा में डाल रहे हैं। एक एकड़ गेहूं की फसल में किसान एक-एक बोरी यूरिया एक बार में डाल देते हैं, जबकि ज्यादा मात्रा में यूरिया डालने से फसल को लाभ होने की जगह नुकसान होता है। खाद डालने के संबंध में किसान कृषि अधिकारियों की सलाह भी नहीं लेते हैं, न ही जागरूकता संगोष्ठी आयोजित की जाती हैं।
पच्चीस से तीस किलो डाले यूरिया
प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ. केएस यादव ने बताया कि एक एकड़ में दो बोरी यूरिया खाद तीन बार डालने के लिए पर्याप्त है। किसान 25 से 30 किलो यूरिया बोवनी के समय डाल सकते हैं, फिर 20 से 25 दिन बाद दूसरी बार छिड़काव करें। इतने ही दिनों के अंतराल में तीसरी बार यूरिया डालें। ज्यादा यूरिया डालने पर पौधों को उपलब्ध नहीं होता है, कुछ जमीन में चला जाता है और कुछ हवा में उड़ जाता है। ज्यादा खाद डालने से सूक्ष्म जीवाणु खत्म हो रहे हैं। वहीं, नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का छिड़काव किसान करें, जो लाभदायक होगा। दो से चार एमएल प्रति लीटर का छिड़काव फसलों में कर कर सकते हैं, जिससे जमीन भी खराब नहीं होगी।
गोबर खाद का करें उपयोग
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार गोबर की खाद 50 से 75 क्विंटल एकड़ डालना जरूरी है, जिससे कार्बनिक पदार्थ (सूक्ष्म जीव) बढ़ेंगे। रायायनिक खादों के उपयोग के कारण कार्बनिक पदार्थ की मात्रा क्षेत्र में 0.5 प्रतिशत है, जो 1 प्रतिशत से ऊपर होना चाहिए।
700 टन यूरिया हो चुका है वितरित
डबल लॉक गोदाम प्रभारी मनोज साहू ने बताया कि अभी तक 700 टन यूरिया वितरित हो चुका है और अभी भी किसान लेने पहुंच रहे हैं। पिछले वर्षों की अपेक्षा यूरिया की मांग बड़ी है। वहीं, बाजार से भी किसान यूरिया खरीद रहे हैं।
Published on:
08 Dec 2023 12:55 pm
बड़ी खबरें
View Allसागर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
