ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा गुरुवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन ही मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। यह भी माना जाता है कि इस दिन गंगा माता नर्मदा से मिलने आती है। गायत्री मंत्र का प्रकटीकरण भी इसी दिन हुआ था। दशहरा पर इस बार 4 शुभ योग के बीच में मनाया जाएगा। इस दिन रवि योग व सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही ज्योतिष में भौतिक सुखों के कारक माने जाने वाले दुर्लभ दुग्ध योग का निर्माण भी हो रहा है। ज्योतिष गणना के अनुसार इस दिन राजयोग का दुर्लभ संयोग भी बनेगा। पांच जून की सुबह 9.14 तक सिद्धि योग रहेगा। इस शुभ संयोग के बीच में गंगा दशहरे का महत्व और बढ़ गया है। पं. शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन स्नान करने का ब्रह्म मुहूर्त पांच जून की सुबह 5.12 बजे से लेकर सुबह 8.42 बजे तक रहेगा। प्रात: 4.02 से 4.42 तक ब्रह्म मुहूर्त, दोपहर 2.30 से 3.22 तक विजय मुहूर्त और रात 11.59 से 12.40 बजे तक निशिता मुहूर्त रहने वाला है। तिवारी ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान देना शुभ होता है। इस दिन दान दी जाने वाली वस्तु की संख्या 10 रखने की कोशिश होनी चाहिए।
गंगा दशहरा के मौके पर शहर के गंगा मंदिरों में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। चकराघाट स्थित गंगा मंदिर और रानीपुरा स्थित गंगा मंदिर में मैया का विशेष श्रृंगार होगा। रानीपुरा में सुबह से आकर्षक झांकी सजेगी। सुबह 8 बजे अभिषेक होगा। श्रृंगार के बाद दोपहर 2 बजे मां दिव्य हवन किया जाएगा। राधे-राधे संकीर्तन के साथ रात 8 बजे महाआरती होगी। मां को 56 भोग लगाकर भक्तों में प्रसाद वितरित किया जाएगा।