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Ground Water- MP के इस शहर में बेहद खास तरीके से होता है ग्राउंड वाटर को रिचार्ज, जानकर आप भी चौंके बिना नहीं रहेंगे

- पिछले 15 दिनों में हुई बोरिंग में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य- शहर व मकरोनिया में कई स्थानों पर 40 से 100 फीट पर मिला पहला पानी- 10 सालों से यह स्थिति कर रही है ग्राउंड वाटर को रिचार्ज

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सागर

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Deepesh Tiwari

May 05, 2022

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सागर। मध्यप्रदेश सहित देश में हर जगह ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने पर जोर दिया जाता है। यहां तक की शहर में तो नगर निगम मकान बनने के साथ ही ग्राउंड वाटर रिचार्ज तक के लिए जांचती हैं कुछ जगह तो ये इसका सिस्टम बनाती भी हैं। भले ही उसके एवज में ये कुछ चार्ज भी करती हैं।

लेकिन मध्यप्रदेश का एक ऐसा शहर भी है, जहां ग्राउंड वाटर रिचार्ज बेहद खास तरीके से होता है। और लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं लगती, वहीं जिस किसी को इस संबंध में पता लगता है वह इस बारे में सुनते ही चौंक जाता है। लेकिन स्थिति ही ऐसी है कि पिछले करीब 10 साल से यहां का ग्राउंड वाटर रिचार्ज इसी तरह से हो रहा है।

दरअसल हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के सागर शहर की जिसके लिए राजघाट बांध पेयजल परियोजना बेहद खास कार्य करती है। सामने आई जानकारी के अनुसार राजघाट बांध की जर्जर पाइपलाइनों ने सागर शहर व मकरोनिया के लिए बेहद खास काम किया है।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि राजघाट बांध इन जर्जर पाइपलाइनों से दस साल से लगातार पानी बहने के कारण सागर शहर का ग्राउंड वाटर रिचार्ज होता आ रहा है। यह तथ्य पिछले 15 दिनों में शहर व मकरोनिया क्षेत्र में हुई बोरिंग से सामने आए हैं।

इस संबंध में भूगर्भशास्त्री डॉ. मनीष पुरोहित का कहना है कि राजघाट की पाइपलाइनों से हर दिन पानी बहता है। सागर शहर व मकरोनिया में नालियां भी दुरुस्त नहीं हैं जिसके कारण पानी एक ही जगह पर भरा रहता है। नालों में भी पूरे साल पानी रहता है, इसी कारण शहर व मकरोनिया के भूजल स्तर में सुधार देखने को मिला है।

कुछ वर्षों पहले तक अप्रैल के महीने में 40 से 100 फीट पर मिलने वाला पहला भूजल सामान्यत: गायब ही हो गया था। जिसके कारण 150 से 200 फीट बोरिंग होने पर ही पानी मिल पाता था, ऐसे में बोरिंग की सफलता के बहुत कम ही चांस बन पाते थे।

पिछले 15 दिनों में इन जगहों पर हुई बोरिंग

































































स्थान : फर्स्ट ग्राउंड वाटर : कुल बोरिंग फीट में : स्थिति
मकरोनिया : 40 से 150 : 280 : सफल
बटालियन : 120 : 300 : सफल
बंडा मार्ग : 40 से 175 :300 : सफल
रजाखेड़ी : 275 : 350 : सफल
भोपाल मार्ग : 0 : 500 : ड्राई
भोपाल मार्ग :0 : 350 :सफल
खुरई मार्ग : 100 : 500 : सफल
मछरयाई : 100 : 300 : सफल
बदौना : 60 से 70 : 275 : सफल

लीकेज से भरी रहती थी 400 एकड़ की झील
राजघाट बांध से करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद शहर तक पानी पहुंचता है लेकिन लीकेज में कुल सप्लाई का 25 से 30 प्रतिशत पानी प्रतिदिन बह जाता है। लीकेजों में बड़ी मात्रा में बहने वाले पानी के कारण ही 400 एकड़ की लाखा बंजारा झील गर्मी के मौसम में भी लबालब भरी रहती थी। डॉ. पुरोहित के मुताबिक झील के लबालब भरे रहने के कारण भी शहर का ग्राउंड वाटर रिचार्ज हुआ है।

मकरोनिया का बड़ा क्षेत्र ड्राई जोन में
मकरोनिया और शहर के भोपाल मार्ग पर बड़ा क्षेत्र ड्राई जोन के तहत आता है। मकरोनिया के कुछ क्षेत्रों में अब फर्स्ट ग्राउंड वाटर भी मिलने लगा है लेकिन भोपाल रोड पर रतौना तक भूजल स्तर की स्थिति दयनीय है। यहां पर 500 फीट तक बोरिंग करने पर भी पानी नहीं आता है।