
Hijra Kinnar Antim Sanskar Kaise Hota Hai Know how
सागर/ किन्नर। जिसकी एक दुआ के लिए तो हम तरसते हैं, लेकिन कभी यह दुआ नहीं करते कि अपना भी कोई किन्नर हो। किन्नर, जो आपकी खुशियों को दोगुना करना है, लेकिन कभी अपनी खुशियों को दर्द में कभी किसी को शरीक नहीं करते। वैसे तो किन्नरों की दुनिया आम आदमी से हर मायने में अलग होती है। किन्नरों के बारे में काफी कम जानकारी ही आम लोगों को मिल पाई है। इनकी दुनिया जितनी ही अलग होती है उतना ही इनके रीति-रिवाज़ और संस्कार भी उतने ही अलग होते है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जब किसी किन्नर की मौत हो जाती है, तब उसकी डेड बॉडी के साथ क्या किया जाता है? उसका अंतिम संस्कार कैसे किया जाता हैं?
किन्नरों का अंतिम संस्कार कैसे होता: सच जानने इतनी हुई यात्रा
इससे पहले आपके साथ यह रहस्यमयी सच शेयर किया जाए। आपको बता दें कि बुंदेलखंड अंचल में किन्नर समाज का अच्छा खासा परिवार है। यह सच जानने की शुरुआत हमने दमोह में कमला बुआ के घर जाकर की, लेकिन यहां किन्नर कमला बुआ ने हमारे सामने हाथ जोड़ लिए। उन्होंने इसे निजी जानकारी बताया। इसके बाद टीकमगढ़ और छतरपुर में भी हमारे संवाददाता यह रहस्य पता करने के प्रयास करते रहे, लेकिन असफलता ही हाथ लगी। अब सागर और बीना से हमें उम्मीद थी, लेकिन कहते है कि किन्नर समाज के नियम और एकता भी अखंड ही है और यहां भी हमारे हाथ कुछ नहीं लग सका। किन्नर समाज के सभी वरिष्ठ किन्नरों द्वारा इसे नियम का उल्लंघन बताते हुए हमारे कैमरे पर कुछ भी सांझा करने से इंकार कर दिया गया।
पाठकों के लिए जारी रहा प्रयास, यहां मिली यह जानकारी
लगातार एक सप्ताह के प्रयास के बाद हमारे हाथ असफलता ही लगी, लेकिन पाठकों के लिए अब भी हम किसी तरह से जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे थे। इसी बीच एक किन्नर से ट्रेन में मुलाकात होती है। जिससे हमने जब इस संबंध में चर्चा करने का प्रयास किया तो पहले तो वह नाराज हो गया, लेकिन अधिक चर्चा के बाद उसने हमारे साथ काफी महत्वपूर्ण जानकारियां सांझा की। जो कि रोचक और रहस्य के रोमांच से भरी हुई हैं। हालांकि, किन्नर ने भूल से उसकी पहचान न खोलने का वादा भी हमसे लिया।
अंतिम संस्कार की प्रक्रिया ऐसे शुरू होती है
किन्नरों के अंतिम संस्कार को गैर-किन्नरों से छिपाकर किया जाता है। इनकी मान्यता के अनुसार अगर किसी किन्नर के अंतिम संस्कार को आम इंसान देख ले, तो मरने वाले का जन्म फिर से किन्नर के रूप में ही होगा। वैसे तो किन्नर हिन्दू धर्म की कई रीति-रिवाजों को मानते हैं, लेकिन इनकी डेड बॉडी को जलाया नहीं जाता। इनकी बॉडी को दफनाया जाता है। अंतिम संस्कार से पहले बॉडी को जूते-चप्पलों से पीटा जाता है। कहा जाता है इससे उस जन्म में किए सारे पापों का प्रायश्चित हो जाता है। अपने समुदाय में किसी की मौत होने के बाद किन्नर अगले एक हफ्ते तक खाना नहीं खाते।
आश्चर्य करता है कन्नर क यह सच
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि किन्नर समाज अपने किसी सदस्य की मौत के बाद मातम नहीं मनाते। इसके पीछे ये वजह है कि मौत के बाद किन्नर को नरक रूपी जिन्दगी से से मुक्ति मिल गई। मौत के बाद किन्नर समाज खुशियां मनाते हैं और अपने अराध्य देव अरावन से मांगते हैं कि अगले जन्म में मरने वाले को किन्नर ना बनाएं।
किन्नर को कभी नहीं दी जाती अग्नि
जब कोई किन्नर मरता है तो उसे अग्नि नही दी जाती बल्कि उसको जमीन में दफनाया जाता है किन्नरों के शव को दिन के वक्त नही बल्कि रात के वक्त निकाली जाती है किन्नरों के शव को जुटे चपलो से पीटा जाता है आपको यह जान कर और भी हैरानी होगी की यह किसी किन्नर के मौत के बाद किसी भी तरह कोई मातम नही मनाते क्योंकि इनकी मान्यता है की मरने के बाद इस नरक युगी जीवन से उस किन्नर को छुटकारा मिल जाता है। इतना ही नही यह लोग जो पैसा कमाते है वेह उससे दान पुन्य भी करते हैं ताकि फिर से उसे ऐसा जन्म न मिले।
किन्नर ने बताया कैसे होता है अंतिम संस्कार
जिस तरह भगवान ने इस धरती पर स्त्री और पुरुष बनाया है उसी तरह हमलोग जैसे ही एक और रचना है को न तो स्त्री और न ही पुरुष वर्ग में आते है जिसे हमारे साज में किन्नर के नाम से जाना जाता है। वैसे तो हमारे समाज में अभी तक स्त्री के अधिकारों और उसके अस्तित्व को लेकर लड़ाई जारी है तो ऐसे समाज में किन्नर को एक मानव होने के अधिकार और सम्मानपूर्वक जगह देने की बात करनी बेईमानी होगी। समुदाय के जो गुरु होते है वो भी मुस्लिम ही होते है। किन्नरों का उल्लेख हमारे इतिहास में भी है जिसमें एक किन्नर का जंग लडऩे का भी इतिहास है जिनका नाम मालिक काफूर था।
Published on:
02 Oct 2019 06:05 pm
बड़ी खबरें
View Allसागर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
