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आचार्य विद्यासागर महाराज की स्मृति में रचेगा इतिहास, पहली बार विधान में बनेंगे 720 समवशरण

भारत के इतिहास में कभी भी 720 मंडलीय विधान का आयोजन नहीं किया गया है। यह पहला अवसर है और यह समवशरण विधान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो सकता है

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सागर

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Rizwan ansari

Aug 04, 2025

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आचार्य समय सागर महाराज के आशीर्वाद से मुनि विमल सागर महाराज और मुनि अनंत सागर महाराज के सानिध्य में जैन धर्म के इतिहास में भारत में पहली बार 720 मंडली समवशरण विधान होगा। आचार्य विद्यासागर महाराज की स्मृति में आठ दिवसीय आयोजन 27 सितंबर से 5 अक्टूबर तक होगा। रविवार को बाहुबली कालोनी में बैठक का आयोजन मुनि विमल सागर महाराज के सानिध्य में किया गया। भारत के इतिहास में कभी भी 720 मंडलीय विधान का आयोजन नहीं किया गया है। यह पहला अवसर है और यह समवशरण विधान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो सकता है
बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि सभी जैन मंदिरों के अलावा सागर जिले की कस्बों से भी जो श्रावक पात्र बनना चाहते हैं उन्हें भी यह अवसर प्रदान किया जाएगा। विधान में 725 श्रीजी की प्रतिमाओं का पूजन, अभिषेक, शांतिधारा व प्रच्छालन लगातार 8 दिन होगा। मुकेश जैन ढाना ने बताया कि मुख्य पंडाल में समवशरण विधान में चार खंड निर्धारित किए गए हैं। एक खंड में 180 समवशरण बनाए जाएंगे। समवशरण में सौधर्म इंद्र व शचि रानी बनकर श्रावक पूजन अर्चन करेंगे। इसके लिए 63 हजार, 54 हजार, 45 हजार और 27 हजार रुपए की राशि में समवशरण मंडल के लिए निर्धारित किए गए हैं। समवशरण विधान में पहले धनराशि जमा करें और अपना नाम दर्ज कराए। पहले 2 दिन में 100 से अधिक लोगों की राशि जमा हो गई है। विधान स्थल का चयन कर शीघ्र घोषित कर दिया जाएगा। विधान में भारत के सभी श्रावक श्रेष्ठिवर्ग को आमंत्रित किया जाएगा। विधान से प्राप्त दान राशि सर्वतोभद्र जिनालय के निर्माण में लगेगी।