अस्पताल में जनरल वार्ड और पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) के पास ही कचरा जलाया जा रहा है, जिसमें कॉटन, सिरेंज, वॉटल, कपड़े आदि कचरा फेंका जाता है। इस कचरे से निकलने वाला जहरीला धुआं जनरल वार्ड, एनआरसी सहित पूरे परिसर में फैलता है, जिससे मरीज, परिजन सभी को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। एनआरसी में भर्ती बच्चे और महिलाओं को भी परेशानी होती है। नियमानुसार अस्पताल से निकलने वाला कोई भी कचरा जलाया नहीं जाता है, उसके निस्तारण की अलग प्रक्रिया है। इसलिए अलग-अलग रंग के डस्टबिन में यहां का कचरा रखा जाता है, लेकिन इस ओर जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान नहीं है। कई बार मरीज इसकी शिकायत भी कर चुके हैं। भर्ती मरीजों ने बताया कि कचरे का धुआं वार्डों में भर जाता है, जिससे सांस लेने तक में दिक्कत होती है। वहीं, अस्पताल के बाजू से रहने वाले वार्डवासी भी परेशान हैं।
बायोवेस्ट का निस्तारण भी नहीं सही तरीके से
अस्पताल में बायोवेस्ट का निस्तारण भी सही तरीके से नहीं किया जाता है। कई बार प्रसूति वार्ड के डस्टबिन में डला कचरा कुत्ते बाहर लेकर आ जाते हैं और परिसर में फैला देते हैं। अधिकारी सिर्फ कर्मचारियों को नोटिस देने की बात कहते हैं और बार-बार लापरवाही की जाती है।
कचरा घर बनाया और फिर तोड़ा
अस्पताल परिसर में सुलभ कांप्लेक्स के पास कुछ माह पूर्व एक कचरा घर बनाया गया था, जो कुछ दिनों बाद ही तोड़ दिया गया था और फिर दूसरी जगह नहीं बनाया गया है। इसी तरह के कार्य कराकर रुपयों की बर्बादी अस्पताल में की जा रही है।
लेंगे जानकारी
यदि अस्पताल का कचरा परिसर में ही जलाया जा रहा है, तो इसकी जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।
देवेन्द्र प्रताप सिंह, एसडीएम, बीना