
If the doctor wrote outside medicines hod will increase the hassle
सागर. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर यदि बाहर की दवाएं लिखते हैं तो इसके लिए संबंधित विभाग के एचओडी जिम्मेदार होंगे। ये आदेश डीन कार्यालय से सभी एचओडी (विभागाध्यक्षों) को जारी किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि जिन दवाओं की कमी है या फिर डॉक्टर मरीज के हिसाब से लिखते हैं तो उनकी मांग करें ताकि शासन को दवाओं की सूची भेजी जा सके। सूची में दर्ज दवाएं ही डॉक्टर मरीजों के लिए लिखें। एेसा न करने पर या फिर शिकायत मिलने पर एचओडी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आदेश मिलते ही विभागाध्यक्षों ने अपने-अपने विभाग के डॉक्टरों को आदेश के अनुसार दवाएं लिखने की हिदायत दी है।
धड़ल्ले से लिखी जा रहीं दवाएं
मेडिकल कॉलेज में दवा न होने की बात कहकर डॉक्टर मरीजों को बाहर से दवा खरीदने के लिए कहते हैं। मजबूरीवश मरीजों के परिजन निजी मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीद रहे हैं। हालांकि कई डॉक्टर बचने के लिए बीएमसी के पर्चे पर दवाएं न लिखकर सादे कागज पर प्रिस्क्रिप्शन लिखते हैं।
मरीजों को बेड पर नहीं दी जा रही दवा
इधर, मरीजों को नर्सिंग स्टाफ द्वारा दवाएं लेने के लिए दवा केंद्र भेजा जा रहा है। कई मरीजों ने इसकी शिकायत अधीक्षक से भी की है। वार्डों में प्रभारियों द्वारा समय से दवाओं की मांग नहीं की जाती है। एेसे में वार्डों में दवाओं का टोटा बना होता है। दवाएं न होने से उन्हें तीसरे, दूसरे और पहले तल से नीचे भेजा जा रहा है।
अब मरीज व उनके परिजनों की परेशानी होगी कम
अब एेसे निर्देश जारी होने के बाद मरीजों और उनके परिजनों को कुछ राहत मिलेगी। अभी तक बाहरी दवाएं लिखे जाने से मरीज व उनके परिजों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था। बाहरी दवाइयों के दाम अधिक चुकाने पड़ते थे। लेकिन अब इस परेशानी से छुटकारा मिल सकेगा ।
Published on:
04 Feb 2018 04:02 pm
बड़ी खबरें
View Allसागर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
