ठेकेदार के अंडर में काम कर रहे लड़के डे्रस नहीं पहनते, रात के समय यात्रियों से बदसलूकी की भी शिकायतें
सागर. रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर-2, रविवार को समय दोपहर 3.19 बजे। स्टेशन के बाहर पहुंचकर गाड़ी खड़ी भी नहीं कर पाया कि पीछे से लाल कलर की शर्ट पहने एक युवक आया और पार्किंग शुल्क की पर्ची देने लगा। उससे जब बोला कि मैं थोड़ी गाड़ी पार्क कर रहा हूं तो उसने कहा यहां आकर खड़े हुए हो तो उसका 10 रुपए शुल्क तो देना पड़ेगा। उस युवक ने हाथ में रखी बंदी से एक पर्ची फाड़ी और गाड़ी के आगे लगा दी। उस पर्ची पर न तो गाड़ी का नंबर दर्ज किया और न ही तारीख और समय था। इतना ही नहीं जिस जगह दोपहिया खड़े करने के बदले युवक पार्किंग शुल्क की मांग कर रहा था वह ठेकेदार के लिए आरक्षित जगह ही नहीं है। इसके बाद ठेकेदार के कर्मचारी मनमर्जी से यात्रियों से पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं।
यहां पर सवाल यह खड़ा होता है कि यदि किसी यात्री की गाड़ी स्टेशन से चोरी हो जाती है तो वह इस बिना तारीख, समय और नंबर गाड़ी नंबर की पर्ची के सहारे यह कैसे प्रमाणित करेगा कि उसकी स्टेशन के बाहर से चोरी हुई है। पर्ची पर ठेकेदार का नाम तो अंकित है, लेकिन हस्ताक्षर भी नहीं है। ऐसा नहीं है कि ठेकेदार के कर्मचारी लोगों से यह अवैध वसूली लुक-छिपकर कर रहे हैं, रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों को भी इसकी भनक है। इसके बाद भी खुलेआम चल रही इस नियम विरुद्ध वसूली पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है।
- न ड्रेस कोड न ही कोई रेकार्ड
रेलवे स्टेशन पर वाहनों से पार्किंग की वसूली करने वाले युवकों का न तो कोई ड्रेस कोड है और न ही इनके पास कोई पहचान पत्र रहता है। ऐसे में रात के समय पार्किंग में यदि किसी यात्री या उसे लेने आए व्यक्ति से कोई विवाद होता है तो उक्त युवक की पहचान करना ही मुश्किल हो जाएगा। ऐसी स्थिति में तो ठेकेदार भी अपना कर्मचारी न होना बताकर दूर हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि पार्किंग की वसूली करने वाले इन बदमाश युवकों का पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं कराया गया है, जिससे विवाद के बाद उनकी पहचान न हो सके।
- यात्रियों से बदसलूकी की भी शिकायतें
केस-1
शहर के पंतनगर निवासी पंकज ठाकुर ने बताया दो दिन पहले रात में भोपाल से लौटकर आया था। स्टेशन के दो नंबर प्लेटफार्म के बाहर मुझे लेने आया मेरा साथी खड़ा था। मैं बाहर आकर निकलने ही वाला था कि एक युवक आया और पार्किंग शुल्क देने की बात कही। जब हम लोगों ने कहा कि हमने तो गाड़ी पार्क ही नहीं की तो शुल्क किस बात का तो वह बदसलूकी करने लगा। उसने आवाज दी तो पीछे से दो और लड़के आकर हमें घेरकर खड़े हो गए। कुल-मिलाकर वे शुद्ध गुंडागर्दी पर उतर आए थे। किसी प्रकार का विवाद न हो इसको देखते हुए हमें उन्हें रुपए देने पड़े।
केस-2
गोपालगंज निवासी जगदीश मिश्रा ने बताया कि वह अपने दोस्त को रेलवे स्टेशन छोडऩे गए थे। उन्होंने दो नंबर प्लेटफार्म के बाहर लगी रैलिंग के पास अपनी मोटर साइकिल खड़ी की और उसे विदा करने लगा। दोस्त के निकलते ही जैसे ही मैंने वापस आने गाड़ी मोड़ी तो पीछे से आया युवक पार्किंग शुल्क के 10 रुपए मांगने लगा। जब मैंने इस बात का विरोध किया तो वह बदसलूकी करते हुए लडऩे को तैयार हो गया। उसका कहना था कि यहां गाड़ी खड़ी है तो रुपए तो देने पड़ेंगे। इसी दौरान मेरे परिचित पुलिस वाले वहां आ गए तो युवक की बोलती बंद हो गई।
- अधिकारियों के फोन ही नहीं उठे
स्टेशन पर पार्किंग शुल्क के नाम पर चल रही वसूली के संबंध में हमने स्टेशन प्रबंधक व कमर्शियल मैनेजर से बात करने का प्रयास किया, लेकिन दोनों के ही फोन नहीं उठे। कमर्शियल मैनेजर राकेश शुक्ला का तो बीच में फोन व्यस्त भी मिला, लेकिन फिर भी उनका कोई जवाब नहीं मिल सका।