सागर

दो साल अनुमति लेने में लगे, 7 दिन में होने वाला काम 7 माह बाद भी अधूरा, 9 हजार परिवार परेशान

बिजली कंपनी के निर्माण विभाग ने लापरवाही की हदें पार कर दी हैं। जिम्मेदार 7 माह में रेलवे लाइन के नीचे से मात्र 60 मीटर लंबी बिजली केबल नहीं बिछा पाए हैं, जबकि यह काम ज्यादा

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May 04, 2025

रेलवे लाइन के नीचे से बिछाई जानी है 60 मीटर लंबी केबल

सागर. बिजली कंपनी के निर्माण विभाग ने लापरवाही की हदें पार कर दी हैं। जिम्मेदार 7 माह में रेलवे लाइन के नीचे से मात्र 60 मीटर लंबी बिजली केबल नहीं बिछा पाए हैं, जबकि यह काम ज्यादा से ज्यादा एक सप्ताह में पूरा हो जाना था। अधिकारियों की इस लापरवाही के कारण धर्मश्री फीडर पर पिछले ढाई साल से डबल लोड है, जिसके कारण क्षेत्र के करीब 9 हजार परिवार बार-बार बिजली गुल होने की समस्या से जूझ रहे हैं। गर्मियां शुरू होने के बाद तो यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ गई है।

दरअसल करीब ढाई साल पहले तक मोतीनगर फीडर की बिजली सप्लाई करीला सब स्टेशन से होती थी, लेकिन किसी कारण से रेलवे पटरियों के नीचे से गुजरी 11केवी लाइन की केबल क्षतिग्रस्त हो गई। इसके बाद मोतीनगर फीडर की सप्लाई धर्मश्री फीडर से जोड़ दी गई। पटरियों के नीचे से दोबारा बिजली केबल डालने के लिए बिजली कंपनी को रेलवे की अनुमति लेने के लिए 2 साल चक्कर काटने पड़े, इसके लिए सांसद, विधायकों से सोर्स भी लगावाए, तब कहीं जाकर रेलवे से सितंबर 2024 में अनुमति मिली थी।

- धर्मश्री में आने वाले क्षेत्र

धर्मश्री, रविशंकर वार्ड, गयादीन तिराहा, धर्मश्री तिराहा, बालाजी मंदिर, विधायक बंगला, अतिशय होम कॉलोनी, चमेली चौक, छोटी अस्पताल, सत्यनारायण घाटी, बड़ा बाजार, मॉडल स्कूल, कैथवारी देवी मंदिर व बीएस जैन बगीचा।

- मोतीनगर फीडर के क्षेत्र

मोतीनगर चौराहा, स्वीपर कॉलोनी, भगत सिंग वार्ड, लेदरनाका, बड़ी नदी, साईं वाटिका, कसाई मंडी, राहतगढ़ बस स्टैंड आदि क्षेत्र।

- अनुमति में दिया समय भी गुजरा

रेलवे ने बमुश्किल बिजली कंपनी को पटरियों के नीचे से बिजली केबल बिछाने के लिए सितंबर 2024 में अनुमति दी थी, जिसमें काम पूरा करने के लिए जो समय तय किया गया था वह छह माह का था। यानी मार्च 2025 तक केबल बिछाने का काम करना था। रेलवे की संपत्ति को कोई नुकसान हो इसके लिए बिजली कंपनी ने 5 लाख रुपए की बैंक गारंटी भी लगाई थी, लेकिन अब इसे रिन्यु करवाना पड़ रहा है।

- मशीन का काम बाकी है

रेलवे पटरियों के दोनों ओर मजदूरों से होने वाला काम पूरा करा लिया है, लेकिन लाइन बिछाने के लिए मशीन से होने वाला काम बाकी है। प्रयास है कि यह काम अगले एक सप्ताह में ही पूरा कर लिया जाए।

वीरेंद्र सिंह परते, कार्यपालन अभियंता, निर्माण विभाग

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