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सागर. कोरी समाज आदर्श संगठन द्वारा रविवार को रवींद्र भवन में प्रांतीय युवक-युवती परिचय सम्मेलन और समाज के मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सागर सहित प्रदेश के कई अन्य शहरों से समाज के करीब २५० युवक-युवतियों ने विवाह के लिए मंच से अपना परिचय दिया और अपने भावी जीवन साथी को लेकर अपनी पसंद बताई। कार्यक्रम में लघु वनोपज मंत्री महेश कोरी, नारायण कबीरपंथी, पीएस पंथे बतौर अतिथि उपस्थित हुए।
छात्राओं का किया सम्मान
इस मौके पर बोर्ड परीक्षा, प्रतियोगी परीक्षा और अन्य डिग्री प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया। बच्चों ने योग प्रस्तुति, आनंद रामायण मंडल द्वारा मानसगान और कई अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। समाज के अध्यक्ष मुन्ना लाल मुनीम, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. हुकुम चंद कोरी ने कहा कि समाज को मुख्य धारा में लाने के लिए सभी को मिलजुलकर एक साथ आगे बढऩा होगा। देर रात तक परिचय व विवाह संबंध के लिए चर्चा चलती रही। अतिथियों का समाज की ओर से आभार प्रकट किया गया। इस दौरान डा. एमएल कोरी, खूबचंद कोरी, रमेश कुमार कोरी, नीरज कोरी, एड. रमेश कुमार कोरी, डा. कृष्ण कुमार कोरी, शारदा कोरी, भरत कोरी, देवकी प्रसाद, मदनलाल कोरी, हरगोविंद कोरी सहित बड़ी संख्या में समाज के पदाधिकारी महिला, पुरुष व बच्चे उपस्थित थे।
माता पार्वती की सुहागलें
सागर. श्रीदेव भूतेश्वर मंदिर में रविवार को माता पार्वती की सुहागलों का आयोजन किया गया। मंदिर समिति के सदस्य दीपक मिश्रा ने बताया कि शिव और माता पार्वती के विवाह उपरांत आयोजित किए गए सुहागलों के कार्यक्रम में महिलाओं ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर पूरी रीति-रिवाज के साथ यह रस्म कराई। इस दौरान महिलाओं ने व्रत भी रखा, इनमें बबीता गुप्ता, प्रभा मिश्रा, सुषमा मिश्रा, मोहिनी चौबे, अंशु शुक्ला, लक्ष्मी ठाकुर, अंजना ठाकुर, गीता दुबे, आशा तिवारी, जया दुबे, सरोज अग्रवाल सहित कई महिलाओं ने मंगलगीत गाकर धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुईं।
मंदिर शिलान्यास की वर्षगांठ आज
सागर. भाग्योदय तीर्थ परिसर में बन रहे विश्व के सबसे बड़े चतुर्मुखी जिनालय सर्वतोभद्र हिमालय की शिलान्यास का 1 वर्ष पूर्ण होने पर सोमवार को कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर के ट्रस्टी मुकेश जैन ढाना ने बताया कि 228 प्रतिमाएं इस मंदिर प्रांगण में विराजमान होगी, जबकि 1008 प्रतिमाओं वाला सहस्त्रकूट मान स्तंभ मंदिर के ठीक सामने निर्माण होगा। भोज गुजरात का पीला पत्थर इस मंदिर के निर्माण में उपयोग किया जाएगा। 5 वर्षों में इस मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण होने का लक्ष्य रखा है। भाग्योदय परिसर में शिलान्यास के बाद से ही शांति विधान चल रहा है।
Published on:
19 Feb 2018 02:30 pm
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