जनकल्याण और विश्व शांति की भावना के साथ वैदिक वाटिका मकरोनिया में आयोजित शिवलिंग निर्माण व शिव महापुराण कथा में संत केशव गिरी ने कहा कि भगवान शिव करुणा के सागर हैं।
जनकल्याण और विश्व शांति की भावना के साथ वैदिक वाटिका मकरोनिया में आयोजित शिवलिंग निर्माण व शिव महापुराण कथा में संत केशव गिरी ने कहा कि भगवान शिव करुणा के सागर हैं, जिनकी महिमा अनंत और अपार है। भगवान शिव हर स्थान पर पूजे जाते हैं और जहां भी उन्हें स्मरण किया जाता है, वे वहां स्वयं उपस्थित हो जाते हैं। इसीलिए उन्हें 'भोलानाथ' कहा जाता है क्योंकि वे सच्चे मन और सरल हृदय वाले भक्तों पर शीघ्र कृपा करते हैं। उनका हृदय करुणा से भरा है और इसी कारण वे कालों के भी काल ‘महाकाल’ कहलाते हैं। उन्होंने बताया कि भगवान शिव की पूजा के लिए किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि वे भाव के भूखे हैं, विधि के नहीं। भोले की भक्ति में अर्पण नहीं समर्पण की भावना है भगवान शिव निराकार की जगह साकार रूप में पूजे जाते हैं।
कथा में आस्था और भक्ति के साथ सैकड़ों भक्तों ने शिवलिंग निर्माण में भाग लिया। संत केशव गिरी श्रद्धालुओं के मध्य पहुंचे, उनके साथ बैठकर शिवलिंग निर्माण किया और प्रत्येक श्रद्धालु के पास जाकर शिवलिंग वितरण किया। उन्होंने आयोजन की व्यवस्थाओं पर भी विशेष ध्यान दिया ताकि कोई भी श्रद्धालु किसी असुविधा का अनुभव न करे। वहीं आयोजक सांसद डॉ. लता गुड्डू वानखेड़े भी श्रद्धालुओं को पूजा सामग्री वितरित की।
कथा के शुभारंभ में भगवान शिव और भगवान कृष्ण के जीवन प्रसंगों पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई, जिसे श्रद्धालुओं ने खूब सराहा। नृत्य प्रस्तुति के दौरान सांसद डॉ. लता गुड्डू वानखेड़े, नरयावली विधायक प्रदीप लारिया, जिला भाजपा अध्यक्ष श्याम तिवारी एवं अन्य श्रद्धालु भावविभोर होकर भजनों की धुन पर झूम उठे। कथा में विधायक शैलेंद्र जैन, बंडा विधायक वीरेंद्र लंबरदार, नगर निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, बलवंत सिंह राठौर , यशवंत सिंह राठौर, हरिराम सिंह ठाकुर, नारायण प्रसाद कबीरपंथी व बीना की पूर्व विधायक विनोद पंथी आदि मौजूद रहे।