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जिलेभर में तहसीलदार सागर के कोर्ट में दर्ज हुए सबसे ज्यादा प्रकरण

जिले में सबसे ज्यादा प्रकरणों का निराकरण नायब तहसीलदार खिमलासा खुरई कोर्ट द्वारा किया गया है

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Most cases recorded in Tahsildar Sagar's court in district

Most cases recorded in Tahsildar Sagar's court in district

सागर. राजस्व प्रकरणों को लेकर जिले के कुछ कोर्ट ने अच्छा प्रदर्शन किया है। जनवरी-२०१८ में तहसीलदार सागर के कोर्ट में सबसे ज्यादा ३१६ प्रकरण दर्ज हुए, जिनमें से १४७ प्रकरणों का निराकरण हो चुका है। जिले में सबसे ज्यादा प्रकरणों का निराकरण नायब तहसीलदार खिमलासा खुरई कोर्ट द्वारा किया गया है, जहां २४६ प्रकरणों का निपटारा हुआ। सबसे कम प्रकरण तहसीलदार शाहगढ़ के कोर्ट में दर्ज हुए हैं। बीते महीनों में मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह के निरीक्षण के बाद से राजस्व प्रकरणों के निपटारे में अधिकारियों ने तेजी दिखाई है।
कल खजुराहो में समीक्षा
राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ३ फरवरी को खजुराहो में संभागीय समीक्षा बैठक लेंगे।

एेसे समझें राजस्व प्रकरणों की स्थिति
यहां दर्ज हुए ज्यादा प्रकरण
३१६ तहसीलदार सागर
३०९ तहसीलदार रहली
२९९ नायब तहसीलदार खिमलासा खुरई

यहां निराकृत हुए ज्यादा प्रकरण
२४६ नायब तहसीलदार खिमलासा खुरई
१४७ तहसीलदार सागर
१३९ नायब तहसीलदार गढ़ाकोटा

यहां दर्ज हुए सबसे कम प्रकरण
१६ तहसीलदार शाहगढ़
१८ नायब तहसीलदार नरयावली
२० नगर दंडाधि. सागर

यहां सबसे कम प्रकरण निपटाए
०३ अनुविभागीय दंडाधिकारी राहतगढ़
०४ नगर दण्डाधिकारी
०७ अ.जि.दडाधि. सागर

क्या है राजस्व मंडल मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में मध्य भारत राजस्व मंडल अध्यादेश 1948 के अधीन राजस्व मंडल का गठन किया गया था। विंध्य क्षेत्र में इसी प्रकार 1948 अध्यादेश के अधीन राजस्व मंडल अस्तित्व में आया था। पुराने मध्य प्रदेश में सेंट्रल प्रोविन्सेस बोर्ड ऑफ रेवेन्यु ऑडिनेन्स 1949 के अधीन यह न्यायालय अस्तित्व में आया। राज्य शासन ने ग्वालियर को मंडल का प्रधान स्थान नियत किया है। इसके अतिरिक्त राजस्व मंडल की रीवा, इन्दौर, जबलपुर, भोपाल, उज्जैन व सागर संभागीय मुख्यालयों पर भी आयोजित हो रही है। राजस्व मंडल का गठन मप्र भू राजस्व संहिता 1959 के अन्तर्गत किया गया है। राजस्व मप्र में भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत राजस्व प्रकरणों की अपीलें, निगरानी सुनने की उच्चतम संस्था है। इसके अतिरिक्त अन्य अधिनियमों, आबकारी अधिनियम, भारतीय स्टांप अधिनियम आदि में राजस्व मंडल को मुख्य नियंत्रक राजस्व प्राधिकारी के रूप में मान्य किया गया हैा