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कहां गई इस आदमी की पत्नी, क्यों तलाश में भटक रहा है दर-दर

आदिवासी महिला के अपहरण- धर्मांतरण की शिकायत पर डीजीपी- सागर एसपी से मांगा जवाब    

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सागर

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Sanjay Sharma

Jan 22, 2022

National Scheduled Tribes Commission sent notice to MP DGP - Sagar SP

National Scheduled Tribes Commission sent notice to MP DGP - Sagar SP

सागर. आदिवासी महिला के अपहरण व धर्मांतरण की आशंका की शिकायत पर पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा प्रदेश के डीजीपी और सागर एसपी से तीन दिन में जवाब तलब किया है। आयोग ने पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई, जुटाई गई जानकारियों सहित तीन दिन मेंउत्तर न देने पर न्यायालयीन शक्तियों का प्रयोग करने की भी चेतावनी दी है।

जानकारी के अनुसार बरायठा थानांतर्गत ग्राम करई निवासी मुन्ना आदिवासी ने आइजी सागर और एसपी को पांच साल पहले लापता पत्नी के अपहरण और आशंका जताते हुए 15 जनवरी को शिकायत की थी। इससे पहले वह वर्ष 2017 से अब तक कई बार बरायठा थाने में शिकायत कर चक्कर काटता रहा है, लेकिन पुलिस द्वारा उसकी पत्नी की तलाश नहीं की गई उल्टा उसे थाने से टालमटोल कर लौटाया जाता रहा। 20 जनवरी को मुन्ना आदिवासी की ओर से राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को पुलिस की इस अनसुनी की शिकायत की गई थी। जिस पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और सागर एसपी से जवाब तलब किया है।

पांच साल पहले पत्नी को घर से लेकर गई थी महिला :

ग्राम करई निवासी मुन्ना आदिवासी की शिकायत के अनुसार फरवरी 2017 में सेमरा निवासी प्रमिला मौर्य नाम की महिला उसके गांव में घूमते हुए परिवार की आॢथक स्थिति ठीक न होने का पता लगने पर उनके घर आई थी। महिला ने उसे पत्नी और दोनों बच्चों सहित धर्म परिवर्तन करने पर रुपए, नौकरी मिलने का प्रलोभन दिया जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद महिला उसकी पत्नी को बहला- फुसलाकर अपने साथ ले गई और तब से उसकी पत्नी सुखवती को उसने नहीं देखा। पत्नी को धर्मांतरण के लिए अपहृत करने की आशंका को लेकर उसने तब बरायठा थाने में कई बार शिकायत की लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत को अनसुना कर दिया। पिछले दिनों बरायठा निवासी देशराज रायकवार अपने बच्चों को पुलिस के साथ लेने सेवाधाम आश्रम पहुंचा था तब उसे सुखवती आश्रम में नजर आई थी। पांच साल बाद पत्नी की खबर लगने पर उसने दोबारा थाने पर गुहार लगाई और आइजी एवं एसपी ऑफिस में भी शिकायत की लेकिन उसकी सुनवाई नहीं की गई। परेशान होकर मुन्ना आदिवासी ने पत्नी के अपहरण और धर्मांतरण की आशंका जताते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की शरण ली।