
सागर. चुनावी प्रक्रिया में नित नए सुधारों के चलते बहुत कुछ बदल गया है। 22 साल का हुआ वोटर कार्ड अब कलरफुल हो गया है। इस बार एक जनवरी 2000 को जन्मे लोगों को मिलेनियम वोटर (सहस्त्राब्दी मतदाता) नाम दिया गया है। मिलेनियम वोटर सहित अन्य नव मतदाताओं को 2018 के विधानसभा चुनाव में मताधिकार का मौका मिलेगा। पहली बार वोट डालने जा रहे मतदाताओं में उत्साह है। खासतौर पर मिलेनियम वोटर में। सागर विधानसभा में अब तक दो मिलेनियम वोटर चिह्नित किए गए हैं। बुधवार को सूबेदार वार्ड निवासी भाग्यश्री ने जिला निर्वाचन कार्यालय में पंजीयन कराया। इसके पूर्व हर्षित अग्रवाल को चिह्नित किया गया था। जिले के सभी मिलेनियम वोटर्स को राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर गुरुवार को विशेष प्रकार का बैच लगाकर सम्मानित किया जाएगा।
इसलिए मनाते हैं
भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी। वर्ष 2011 में इसे राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया।
1995 में बनने शुरू हुए थे वोटर आईडी
मतदाता परिचय पत्र भी अब 22 साल का हो गया है। ब्लैक एंड व्हाइट से अब कलरफुल भी हो गया है। 1995 में पहली बार मतदाता परिचय पत्र बनना आरंभ हुआ था। तब साधारण कागज पर बनाई जाने वाली आईडी को लेमिनेट कर दी जाती थी। फोटो भी धुंधली होती थीं। फोटो भी रंगीन हो हो गई है। अब तो बार कोड भी आने लगा है। इस दिन एक 'शपथ' के माध्यम से लोकतंत्र के प्रति अपने अटल विश्वास को दोहराते हुए हम अपने देश की समृद्ध लोकतांत्रिक परंपराओं और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनावों की शुचिता को बनाए रखने का फिर से संकल्प लेते हैं।
एेसा प्रतिनिधि चुनें जो विकास के साथ जन हित में कार्य करे : हर्षित
मिलेनियम वोटर हर्षित अग्रवाल हर्ष और गर्व महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह की उपाधि मिलना गौरव की बात है। पहली बार मताधिकार का उपयोग करने जा रहे अग्रवाल की चुनाव व प्रत्याशी के संदर्भ में स्पष्ट सोच है। वे कहते हैं कि चुनाव लोकतंत्र को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। मतदाताओं को भी एेसे प्रत्याशी को चुनना चाहिए जो जनहित के साथ ही विकास के कार्य करे। जब हम इस दृष्टि से सोचेंगे, तभी अपना अच्छा प्रतिनिधि संसद व विधानसभा के अलावा स्थानीय निकाय में भेज सकेंगे।
Published on:
25 Jan 2018 12:15 pm
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