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इ-अटेंडेंस में नहीं शिक्षकों की रुचि, 11 हजार में से 500 ने ही लगाई

एम शिक्षा मित्र पर इ-अटैंडेंस लगाने की व्यवस्था ११ जून से फिर शुरू कर दी गई है, लेकिन जिले के १० प्रतिशत शिक्षक ही इसका इस्तेमाल कर पा रहे हैं।

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Not interested in teachers in e-attendance

Not interested in teachers in e-attendance

सागर. एम शिक्षा मित्र पर इ-अटैंडेंस लगाने की व्यवस्था ११ जून से फिर शुरू कर दी गई है, लेकिन जिले के १० प्रतिशत शिक्षक ही इसका इस्तेमाल कर पा रहे हैं। इसकी बड़ी वजह योजना की विसंगतियां हैं। हालात तीन साल बाद भी जस के तस हैं।
सुबह-सुबह स्कूल पहुंचने वाले अधिकांश शिक्षक, कर्मचारियों को इ-अटैंडेंस की तकनीकी खामियों से जूझना पड़ रहा है, जो शिक्षक सुबह अटैंडेंस लगा रहे हैं, उनकी हाजिरी दोपहर बाद नजर आ रही है। जानकारी के मुताबिक इ-अटैंडेंस के लिए जिले के ११ हजार शिक्षकों ने ऐप डाउनलोड किया है। एप पर ऑनलाइन मिल रही जानकारी के मुताबिक बुधवार को केवल ५०० शिक्षकों ने ही स्कूल पहुंचकर अटैंडेंस लगाई।
दो दिन से काम नहीं कर रहा पोर्टल
एम शिक्षा मित्र का वर्जन दो दिन से काम नहीं कर रहा है। इसी वजह से शिक्षा विभाग को यह पता नहीं है कि कितने शिक्षकों ने इ-अटैंडेंस लगाई है। बुधवार को जिले में कहां कितने शिक्षकों ने इ-अटैंडेंस लगाई इसकी रिपोर्ट भोपाल भेजनी थी, लेकिन शाम तक पोर्टल ही नहीं खुला। डीपीसी एचपी कुर्मी ने बताया कि भोपाल से जानकारी मिली है कि सर्वर में सुधार हो रहा है, यह मैसेज भी वहां से भेजा गया है।
2015 से लागू, कब-कब हुई बंद
ठ्समय पर स्कूल पहुंचने के लिए शिक्षा विभाग में इ-अटैंडेंस की व्यवस्था सितम्बर 2015
में शुरू की गई थी।
2016 में अध्यापकों की जनहित याचिका पर ग्वालियर हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। 2017 में फिर इसे सख्ती से लागू किया गया।
नए सत्र एक अपै्रल 2018 से इ-अटैंडेंस लगाई जानी थी लेकिन एक दिन पहले ही घोषणा को वापिस ले लिया गया, अब ११ जून से शुरू हुई नई व्यवस्था
फिर ठंडे बस्ते में है।

स्कूल बसों का किराया ४० फीसदी तक बढ़ेगा
स्कूल वाहनों का किराया १ जुलाई से ४० प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। स्कूल बस यूनियन संघ ने बुधवार को बैठक कर उक्ताशय का निर्णय लिया है। संघ के अध्यक्ष रामकृष्ण पाण्डेय ने बताया कि २०१४ से किराया नहीं बढ़या गया है, जबकि महंगाई कई गुना बढ़ गई है। साथ ही स्कूल बस संचालित करने के लिए आरटीओ की फीस भी बढ़ा दी गई है, जिससे हमें घाटा हो रहा है। बढ़े हुए किराए का प्रस्ताव संघ ने प्रशासन को भेज दिया है। शहर में इस समय करीब ३५० स्कूल बस हैं। जिनमें ढाई सौ से अधिक स्कूलों के बच्चे आते-जाते हैं। बैठक में पप्पू रजक, रामकुमार, विमलेश, रामकृष्ण पाण्डेय, संतोष साहू, गणेश नवरंग सहित अन्य बस संचालक उपस्थित थे।
इस तरह बढ़ी महंगाई
मद -२०१४ -२०१८
डीजल -४८ -७४
बीमा -१०००० -४० से ६० हजार
ड्राइवर -४ हजार -६ हजार
(संघ के बताए अनुसार)