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राजनीति बवाल से प्रशासनिक गलियारों में छाई शांति रुटीन के कार्य निबटा रहे अफसर

शासन के आदेश और निर्देशों का इंतजार, मंत्रियों के हस्ताक्षर से अटकी कई फायलें

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Officials handling peace routine dominated in political corridors

Officials handling peace routine dominated in political corridors

सागर. प्रदेश में छाए सियासी संकट से शासकीय विभागों में भी एक तरह की शिथिलता आ गई है। धुरेड़ी व भाई दूज के अवकाश के बाद खुले दफ्तरों में आम नागरिक तो पहुंचे लेकिन अधिकारी व कर्मचारी महज रुटीन के कार्यो में ही रुचि लेते दिखे। इसके अलावा करीब एक हफ्ते से विधायकों ने विकास कार्यों के लोकार्पण व भूमिपूजन कार्यों से दूरी बना रखी है। इधर मंत्रियों की सत्ता संघर्ष में व्यस्तता होने से विभिन्न कार्यों की फायले उनके हस्ताक्षर के इंतजार में अटक गई हैं। एेसे ही हालात गुरुवार को कलेक्ट्रेट परिसर व तहसील कार्यालय में देखने को मिले।निर्माण कार्यों के भूमिपूजन व लोकार्पण भी अटके रुटीन और नीतिगत कार्यों को लेकर जब अधिकारी-कर्मचारियों से चर्चा की तो उनका कहना था कि रोजमर्रा की तरह शासकीय कार्य हो रहे हैं। जिन फाइलों पर मंत्री के हस्ताक्षर होना है उन्हें फिलहाल छोड़ दिया गया है। बहरहाल विभिन्न योजनाओं के तहत स्वीकृत कार्यों जिन पर मंत्री सहमति जरुरी वे फिलहाल अटक गए हैं। इधर विधायकों की गैर मौजूदगी में उनके क्षेत्र में स्वीकृत निर्माण कार्यों का भूमि पूजन भी रुक गया है। इसके अलावा पूर्व में स्वीकृत हुए कार्य जो पूर्ण हो चुके हैं उनका लोकार्पण भी अटका है।

समय दोपहर 1 बजे

स्थान नया कलेक्टे्रट भवन

नए कलेक्ट्रेट भवन में शिफ्ट हुए कलेक्ट्रेट से संबंधित कार्यालयों के सामने लोग तो एकत्रित थे लेकिन अधिकांश को यह कह कर चलता कर दिया कि अभी इंतजार करो। भवन में कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक मौजूद थीं। उन्होंने बीएमसी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कोरोना वाईरस की रोकथाम व मरीजों को तमाम सुविधाएं देने के लिए इंतजाम करने के निर्देश दिए। इसके अलावा अपर कलेक्टर कार्यालय, निर्वाचन कार्यालय, नगर दंडाधिकारी, लोकसेवा गारंटी, एनआईसी आदि विभागों में अधिकारी कर्मचारी तो मौजूद थे लेकिन अधिकांश अधिकारी रुटीन के कार्य निबटाते नजर आए। अधिकारी-कर्मचारियों का कहना था कि शासकीय कार्य तो रोज की तरह हो रहे हैं लेकिन विशेष कार्यों पर शासन व वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का इंतजार है। दोपहर 1.30 बजे - कलेक्ट्रेट भवन के सभा कक्ष में गुरुवार को शराब दुकानों के टेंडर खोलने की तैयारी की जा रही थी। इसके लिए आबकारी विभाग सहित सुरक्षा के इंतजाम के चलते भारी पुलिस बल तैनात था। दोपहर 2 बजे तक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आबकारी ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों की आवाजाही आरंभ हो गई थी। दोपहर 2.10 पर पुराने कलेक्टे्रट भवन में स्थापित हुए अनुविभागीय कार्यालय में तहसली कार्यालय में भी सन्नाटा पसरा रहा। यहां भी अधिकारी-कर्मचारी रुटीन के कार्य निबटा रहे थे। कुछ लोग अपने राजस्व संबंधी कार्य लेकर आए लेकिन उन्हें भी निराश होकर लौटना पड़ा। इसके अलावा सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय को भी नए कलेक्ट्रेट भवन में शिफ्ट कर दिया गा है लेकिन पुरान भवन में नगर दंडाधिकारी कार्यालय का बोर्ड लगा हुआ है इस वजह से लोगों को भटकना पड़ रहा है। जानकारी के आभाव में लोग