सर्प दंश को लेकर जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
सागर. बारिश के साथ जिले में सांपों के बिलों से निकलने का सीजन भी शुरू हो गया है। क्षेत्र में हर साल 2 हजार से अधिक लोग सर्प दंश का शिकार होते हैं, दर्जनों लोग समय से अस्पताल नहीं पहुंचते और उनकी मौत हो जाती है। क्षेत्र में सर्प दंश की समस्या को लेकर पत्रिका ने सोमवार को प्रमुखता से खबर का प्रकाशन किया था। खबर के बाद मंगलवार को कलेक्टर संदीप जीआर के निर्देश पर एडवाइजरी जारी की है। सर्प दंश को स्थानीय आपदा घोषित किया गया है। जारी एडवाइजरी में कहा है कि बारिश में सर्प दंश की रोकथाम के लिए एक बहुआयामी रणनीति तैयार की है, जिसमें जनजागरूकता, आपातकालीन सेवाओं का सुदृढ़ीकरण और निवारण संबंधी उपाय शामिल किए गए हैं। इस अभियान के तहत ग्राम पंचायत और शहरी वार्ड स्तर पर स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सोशल मीडिया, रेडियो, होर्डिंग्स और प्रिंट मीडिया के जरिए सर्पदंश से बचाव और प्राथमिक उपचार की जानकारी प्रसारित की जाएगी। स्कूलों और कॉलेजों में विशेष सत्र आयोजित कर विद्यार्थियों को इस खतरे और उससे बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित किया जाएगा।
स्नैक कैचर की तैनाती की जाएगी, जिनके हेल्पलाइन नंबर जनता को उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी वेनम का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित किया जाएगा। पीडि़तों को निकटतम चिकित्सा केंद्र तक पहुंचाने की व्यवस्था को और सुचारू बनाया जाएगा, ताकि आपात स्थिति में त्वरित सहायता मिल सके।
प्रशासन ने ग्रामीणों से कहा है कि खेतों व जंगलों में काम करते समय मोटे जूते और दस्ताने पहनें। घरों के आसपास सफाई रखने, झाड़ियों को काटने पर विशेष ध्यान दिया जाए। घर के आसपास व बाड़े में पर्याप्त रोशनी का प्रबंध करें। सर्पदंश की स्थिति में झाड़-फूंक या देसी उपचार की बजाय अस्पताल पहुंचें क्योंकि पहला एक घंटा जीवन रक्षक होता है।
Published on:
19 Jun 2025 12:43 am