सागर

बिना जांच के ही बिक जाती हैं कीटनाशक दवाएं, कृषि विभाग समय पर नहीं लेता सैंपल

महंगे दामों पर बिक रहीं दवाएं, बीज के सैंपल लेने में भी नहीं है अधिकारियों की रूचि

2 min read
Jun 26, 2025
कीटनाशक दुकान

बीना. खरीफ फसल की बोवनी होने के बाद किसान नीदानाशक दवाओं का छिडक़ाव करने लगते हैं और इसके चलते बाजार में मांग बढ़ जाती है। कृषि विभाग में दवाएं न मिलने पर अब किसानों को बाजार से ही दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। बाजार में बिक रही दवाओं की जांच भी कृषि विभाग के अधिकारी नहीं करते हैं।
पहले खेतों की खरपतबार खत्म करने के लिए मजदूरों से निदाई कराई जाती थी, लेकिन अब यह कार्य दवाओं से होने लगा है, इसके लिए बाजार में कई कंपनियों की महंगी दवाएं उपलब्ध हैं। किसान हजारों रुपए की दवा बाजार से खरीदते हैं। वहीं, फसल में कीटों को कम करने के लिए भी कीटनाशक दवाएं डाली जाती हंै। कुछ वर्ष पूर्व तक कृषि विभाग से मिलने वाली दवाएं प्रमाणित होती थीं और उनका सही मात्रा में उपयोग करने की जानकारी दी जाती थी, लेकिन अब बाजार में कई कंपनियों की दवाएं मिल रही हैं और इनका कितना असर होगा इसकी भी जानकारी नहीं रहती है। कई बार यह दवाएं फसलों को प्रभावित भी कर देती हैं। इसके बाद भी कृषि विभाग दवाओं का सैम्पल लेने में देरी करती है, जब दवाओं का छिडक़ाव खेतों में हो जाएगा, फिर कृषि विभाग के अधिकारी सैम्पल लेने पहुंचते हैं। तहसील में करीब 50 लाइसेंस कीटनाशक दुकान के हैं।

दुकानों से नहीं लिए जा रहे बीज के सैम्पल
खरीफ सीजन के लिए शहर में जगह-जगह प्रमाणित बीज के नाम पर सोयाबीन, उड़द का बेचा जा रहा है और कृषि विभाग ने बीज के भी सैम्पल नहीं लिए हैं। यदि सैम्पल लिए भी जाते हैं, तो कुछ दुकानों तक ही सीमित रहते हैं।

61 हजार हेक्टेयर में होना है बोवनी
इस वर्ष क्षेत्र में बोवनी का लक्ष्य 61 हजार हेक्टेयर रखा गया है, जिसमें अभी कुछ किसान ही बोवनी कर पाए हैं। इस वर्ष भी सबसे ज्यादा रकबा सोयाबीन का रहेगा।

की जाएगी जल्द जांच
कीटनाशक दुकानों की जांच के लिए जल्द ही सागर से टीम आएगी, जिसमें दुकानों के लाइसेंस, उपलब्ध दवाओं आदि की जांच की जाएगी। अभी बीज के सैम्पल लिए जा रहे हैं।
अवधेश राय, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, बीना

Published on:
26 Jun 2025 11:47 am
Also Read
View All

अगली खबर