समितियों में बीज न आने से महंगे दामों पर बाजार से कर रहे खरीदने मजबूर हैं किसान
बीना. खरीफ फसल की तैयारी किसानों ने शुरू कर दी है और बोवनी के समय सबसे ज्यादा आने वाली खाद की समस्या से निपटने के लिए अभी से किसानों ने स्टाक शुरू कर दिया है।
खरीफ फसल का रकबा करीब 55 हजार हैक्टेयर है, जिसमें किसान बोवनी के समय सबसे ज्यादा परेशान खाद के लिए होते हैं। इस परेशानी से बचने के लिए अभी से किसान गोदाम खाद लेने पहुंच रहे हैं और कई टन खाद किसान उठा चुके हैं। बोवनी के समय डीएपी की जरुरत पड़ती है और खाद की कमी होने से समय पर किसान बोवनी भी नहीं कर पाते हैं। बाजार में भी अभी पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है।
बीज की खरीदी भी हुई शुरू
किसानों ने सोयाबीन, उड़द के बीज की खरीदी भी शुरू कर दी है। बीज विक्रेता दूसरे शहरों से ज्यादा उत्पादन वाले बीज लेकर आ रहे हैं, लेकिन यह प्रमाणित है या नहीं इसकी जानकारी नहीं दे रहे हैं। कुछ किसान मंडी से भी बीज खरीद लेते हैं, जिससे उसका उत्पादन कैसा होगा, इसकी जानकारी व्यापारी नहीं दे पाते हैं।
सरकारी बीज नहीं मिलता किसानों को
पहले सहकारी समितियों में सोयाबीन का बीज आता था, लेकिन पिछले कई वर्षों से बीज नहीं आ रहा है। सिर्फ प्रदर्शन बीज आता है, जो कुछ किसानों को ही मिल पाता है। इसलिए किसान महंगे दामों पर बाजार से अप्रमाणित बीज खरीद लेते हैं। यदि सरकारी बीज किसानों को मिलने लगे, तो उन्हें बाजार में परेशान नहीं होना पड़ेगा और बीज पर अनुदान भी मिलेगा।
जल्द होगा लक्ष्य तय
खरीफ फसल का लक्ष्य जल्द ही तय किया जाएगा। खरीफ में सबसे ज्यादा रकबा सोयाबीन का ही रहने की उम्मीद है। किसान अभी से खाद का स्टाक कर रहे हैं।
धनपाल सिंह तोमर, कृषि विकास अधिकारी, बीना