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साधना करनेे पर ही अपने दोष दिखाई देते हैं

साधना करनेे पर ही अपने दोष दिखाई देते हैं

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साधना करनेे पर ही अपने दोष दिखाई देते हैं

साधना करनेे पर ही अपने दोष दिखाई देते हैं

रामआश्रम सत्संग का तीन दिवसीय समारोह में देश भर से आए श्रद्धालु
देवरी कला. रामआश्रम सत्संग मथुरा के द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सत्संग समारोह के दौरान मंगलवार को देवरी के मनोमणि मैरिज गार्डन में सत्संग का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रदीप गुरु जी टूंडला से, धीरज सिंह सागर से आए। सत्संग में बताया कि साधना के द्वारा हमारे अंदर परिवर्तन आना शुरू हो जाता है और हमारी बुद्धि अंतर्मुखी हो जाती है तब हमें अपने दोष दिखाई देने लगते हैं उन्होंने बताया कि हमें दूर से आने वाले व्यक्ति के अवगुण बड़ेे दिखाई देते है। हमारे खुद के गुण बड़े दिखाई देते है। जब हम साधना करते हैं तब हमें अपने दोष दिखाई देते है तब हमारी समझ में आता है और फिर हम उनको सुधारने का प्रयास करते हैं। और गुरु महाराज की शक्ति से धीरे.धीरे हमारे मन की गंदगी जो है वह साफ होती है और बुद्धि की गंदगी भी साफ होती है। इस दौरान भुजबल सिंह लोधी एभानु प्रकाश दुबे, रामदास दामल, टीकाराम चौरसिया, तेजी सिंग राजपूत, रेवाराम कुर्मी, विजय दुबे, युधिष्ठिर लोधी, विजय सिंह राजपूत शामिल हुए।