
नौरादेही अभयारण्य को अब दुर्लभ पक्षी दिलाएंगे विश्व स्तर की पहचान
सागर. प्रदेश का सबसे बड़ा नौरादेही अभयारण्य पहले ही अपनी जैव विविधिता को लेकर विश्व स्तर पर अपनी पहचान स्थापित कर चुका है, इसके बाद अब दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियों का बसेरा मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक नई पहचान स्थापित करने वाला है। बीते चार दिन से अभयारण्य में पांच राज्यों से 30 से ज्यादा पक्षी विशेषज्ञों की टीम सर्वे कर रही थी। जिनको अभयारण्य क्षेत्र में कई अति दुर्लभ और विलुप्तता की कगार पहुंच चुकी पक्षियों की प्रजातियों की मौजूदगी मिली है। अभयारण्य में ओरिएंटल आउल, यूरेशियन वैरनिक, व्हाइट रम्पड और सारस के जोड़ों की तस्वीर भी कैमरों में कैद हुई है। इसके अलावा गिद्धों की प्रजातियों में किंग वल्चर, इज्प्शिन, लांग विल्ड सहित अन्य प्रजातियां भी अभयारण्य में मौजूद हैं।
कई पक्षियों की पहचान करना बाकी
नौरादेही डीएफओ के अनुसार अभयारण्य क्षेत्र में सर्वे कर रही टीमों को कई दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों की मौजूदगी मिली है। सर्वे दल के कैमरों में एेसे दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों की फोटो तो कैद हो चुकी हैं, लेकिन अभी उनकी पहचान की जा रही है। यही कारण है कि 17 फरवरी को जो सर्वे रिपोर्ट तैयार हो जानी थी वह 18 फरवरी की शाम तक भी तैयार नहीं हो सकी है।
रिपोर्ट तैयार होने में समय लगेगा
पांच राज्यों के 30 से ज्यादा पक्षी विशेषज्ञों ने सर्वे पूर्ण कर लिया है। कई दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों की मौजूदगी अभयारण्य क्षेत्र में मिलना एक अच्छा संकेत देता है। संख्या और सभी प्रकार की प्रजातियों की पूरी रिपोर्ट बनने में दो-तीन दिन का समय लगेगा।
नवीन गर्ग, डीएफओ, नौरादेही
Published on:
19 Feb 2020 07:01 am
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