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अस्पताल के अंदर पहुंच रहे चूहे, प्रसूति वार्ड भी नहीं सुरक्षित, नवजात बच्चों को खतरा

प्रबंधन नहीं दे रहा ध्यान, मरीजों का खाना कर देते हैं खराब, मशीनों को भी कर रहे खराब

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Rats are entering the hospital, even the maternity ward is not safe, newborn babies are in danger

प्रसूति भवन का खुला गेट, जहां बच्चे रहते हैं भर्ती

बीना. इंदौर की एमवाय अस्पताल में चूहों के कुतरने से दो बच्चों की मौत होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही जारी है। स्थानीय सिविल अस्पताल में चूहे पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं हो रहे हैं। सबसे ज्यादा खतरा प्रसूति वार्ड में है, जहां नवजात भर्ती रहते हैं।
अस्पताल परिसर में प्रसूति भवन अलग से बनाया गया है, जहां नीचे वार्ड में प्रसव के बाद मां और नवजात को भर्ती किया जाता है, लेकिन यहां घूम रहे चूहे परेशानी बने हुए हैं। चूहे कभी पलंग पर आ जाते हैं, तो कई बार वहां रखे खाने-पीने की वस्तुओं को खराब कर देते हैं। सबसे ज्यादा खतरा यहां नवजात के लिए रहता है, यदि उन्हें चूहे काट लेंगे, तो संक्रमण फैल सकता है। नवजात की कोमल त्वचा चूहों के पंजों से भी छिल सकती है। यह समस्या कई महीनों से बनी हुई है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने चूहों को वार्ड के अंदर पहुंचने से रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए हंै। इंदौर में हुई घटना के बाद भी सबक नहीं लिया जा रहा है। यहां जली वाले गेट तक नहीं लगाए गए हैं।

संक्रमण फैलने की आशंका
चूहे नाली व अन्य गंदी जगहों में जाते हैं, जिससे उनके पैरों में लगी गंदगी से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। वार्डों में वह पलंग के ऊपर घूमते हैं और मरीजों का खाना भी खा लेते हैं। इसलिए नियमानुसार अस्पताल के किसी भी वार्ड में चूहा नहीं पहुुंचने चाहिए। यहां प्रसूति वार्ड के साथ जनरल वार्डों में भी चूहे पहुंच जाते हैं।

उपरकणों को कर रहे खराब
अस्पताल के उपकरणों को भी चूहे खराब कर रहे हैं। पिछले दिनों दंत चिकित्सा यूनिट में रखी मशीन की बायरिंग चूहों ने कुतर दी थी और उसका सुधार करने के लिए इंजीनियर बुलाना पड़ा था।

मंडी से आते हैं चूहे
बाजू में कृषि उपज मंडी से चूहे आते हैं। स्टाफ ने अस्पताल में चूहा आने की बात बताई है, इसके लिए वार्डों में पिंजरा लगवाए जाएंगे। साथ ही अस्पताल में जल्द ही पेस्ट कंट्रोल कराया जाएगा।
डॉ. संजीव अग्रवाल, बीएमओ