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Breaking News अंजू के हाथों में लगी महेंदी, कपड़ा व्यापारी ने थामा हाथ

समाज के सभी वर्गों के लोग हुए शामिल, संजीवनी बाल आश्रम की पहल

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Sanjivani Bal Ashram Anju wedding today

Sanjivani Bal Ashram Anju wedding today

सागर. संजीवनी बाल आश्रम में पली-बढ़ी बेटी अंजू भारती रविवार को विवाह के बंधन में बंध गई। उसका विवाह पटनाबुजुर्ग निवासी 24 वर्षीय कपड़ा व्यवसायी आकाश जैन से हुआ। विवाह के दौरान समाज के सभी वर्ग के लोगों ने बढ चढ़ कर हिस्सा लिया। समाज के लोगों ने इस विवाह बंधन को समाज में एक नई कड़ी बताते हुए कहा कि दहेज प्रथा के खिलाफ संजीवनी बाल आश्रम की पहल सराहनीय है।
धूमधाम से निकली बारात-
वधू अंजू भारती के वर आकाश की बारात मकरोनिया स्थित गीतांजलि मैरिज हाल से हुई। बारात संजीवनी आश्रम पहंची जहां आश्रम परिवार बेसब्री से इंतजार कर रहा था। यहां पूरे विधि विधान से हिंदू और जैन परंपरा से पाणिग्रहण संस्कार, द्वारचार, कन्यादान किया गया। कन्यादान भाजपा कार्यकर्ता शैलेष केसरवानी ने लिया। इस दौरान विधायक प्रदीप लारिया और पप्पू तिवारी ने भी वर वधू को आशीर्वाद दिया। धीरे-धीरे समाज के अन्य वर्गों के लोगों के आने का सिलसिला शुरू हुआ। सभी ने वर-वधू को आशीष व भेंट दान दी।
पूरा संजीवनी परिवार हुआ शामिल- आश्रम के सदस्यों ने बताया कि अब तक जितनी भी कन्याओं के विवाह हो चुके हैं वे भी अपनी अपनी ससुराल से यहां वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल हुईं। यह भी बताया गया कि आकाश के परिवार के लोग करीब दो साल से अंजू के चाल और चरित्र पर निगरानी रख रहे थे और सब कुछ सही होने पर उसे बहू बनाने का मन बना लिया। विवाह में आकाश का पूरा परिवार और रिश्तेदार शामिल हुए।
ऐसे मिली थी अंजू आश्रम को-
वर्ष २००२ में पुलिसकर्मियों को अंजू लावारिस बैठी मिली थी। तब उसकी उम्र महज दो साल थी। पूछताछ में कुछ बता न बता पाने पर पुलिसकर्मियों ने उसे शहर के संजीवनी बाल आश्रम में छोड़ दिया था। अब अंजू २० साल की हो गई है और रविवार को उसकी शादी है। इससे पहले शनिवार को अंजू के लिए मेहंदी लिखी गई। पूरे आश्रम को दुल्हन की तरह सजाया गया है। विवाह में कन्यादान भाजपा नेता शैलेष केशरवानी करेंगे।
आश्रम में विवाह के बंधन में बंधी 17 बेटी
आश्रम की संचालिक प्रतिमा अरजरिया ने बताया कि अब तक 17 बेटियों के विवाह हो चुके हैं। यहां से जो भी विवाह होते हैं उनमें पहले रजिस्टर्ड कोर्ट मैरिज कराई जाती है, फिर हिंदू रीति-रिवाज से विवाह होता है।