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नियम के विरुद्ध बिना पोस्टमार्टम नाबालिगों का किया देहदान, MP के 3 आश्रमों को मानव अधिकार का नोटिस

donating bodies: तीन आश्रमों पर बिना पोस्टमार्टम देहदान, नियमविरुद्ध अंतिम संस्कार और नाबालिगों की संदिग्ध मौत जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। मानवाधिकार आयोग ने मामले में सख्त नोटिस जारी किया है।

सागरJun 02, 2025 / 02:46 pm

Akash Dewani

Serious allegations of donating bodies without post mortem and suspicious deaths of minors against 3 ashrams of sagar district in mp news

सागर के 3 आश्रमों को मानव अधिकार ने भेजा नोटिस
(सोर्स- घरौंदा आश्रम फेसबुक पेज)

donating bodies: सागर के घरौंदा आश्रम तिली, करूणा आश्रम खजुरिया व मदर टेरेसा आश्रम द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से किए गए देहदान व बिना पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार कराने के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने संज्ञान लिया है। आयोग ने कलेक्टर नोटिस जारी करते हुए कहा है कि तीनों आश्रमों ने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है। शिकायत के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो की अध्यक्षता में इस मामले को मानवाधिकार अधिनियम के तहत संज्ञान में लिया गया है। आयोग ने कलेक्टर आश्रमों पर लगे आरोपों की जांच कर एक सप्ताह में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

बालकों के साथ बालिकाओं, दिव्यांगों को रख रहे

आयोग के असिस्टेंट रजिस्ट्रार लॉ बजवीर सिंह ने कलेक्टर को भेजे पत्र में कहा है कि घरौंदा आश्रम, करुणा आश्रम खजुरिया, मदर टेरेसा चैरिटी आश्रम संचालकों ने संस्था में निवासरत बच्चों व बड़ों (व्यस्कों) की मौत के बाद उनका पोस्टमार्टम नहीं कराया और बीएमसी को देहदान कर दिया। सदस्यों की मौत की सूचना चाइल्ड वेलफेयर कमेटी, स्थानीय पुलिस सहित किसी भी सक्षम प्राधिकारी को नहीं दी।
वहीं घरौंदा आश्रम को किशोर न्याय अधिनियम के तहत सिर्फ बालक आश्रम की मान्यता प्राप्त है, लेकिन संस्था में बालिकाओं को भी रखा जाता है। इसके अलावा सामाजिक न्याय विभाग के द्वारा मान्यता प्राप्त आश्रम भी संचालित होता है, जिसमें कथित तौर पर दिव्यांग पुरुष और महिला भी निवास करते हैं।
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इन बिंदुओं पर करनी है जांच

  • संस्था अधिनियम के नियमों का पालन कर रहा है कि नहीं?
  • क्या आश्रम पुरुष, महिला व बच्चों के लिए अलग-अलग का रखरखाव कर रहा था ?
  • क्या आश्रमों में पर्याप्त बुनियादी ढांचा था और अनुभवी कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था ?
  • क्या इन बाल देखभाल संस्थानों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा था ?
  • क्या आश्रम में किसी भी बच्चे की मृत्यु, जिसका कारण भी शामिल हैं, जिला प्रशासकों को सूचित किया गया है ?

पीड़िता को मिली प्रतिकर राशि

आयोग ने अपने नोटिस में कहा है कि घरौंदा आश्रम ने करीब १ तो करुणा आश्रम व मदर टेरेसा चैरिटी आश्रम ने करीब 4 अनाधिकृत देहदान किए, जिनमें नाबालिग, दिव्यांग शामिल हैं। आश्रम में निवासरत पॉक्सो पीड़िता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद बिना पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार किया गया। पत्र में यह भी कहा गया है कि पीड़िता को दी गई प्रतिकर राशि को भी आश्रम प्रबंधन द्वारा गलत तरीके से खुर्द-बुर्द किया गया था। इसके अलावा 3 युवतियों को कथित तौर पर घरौंदा आश्रम से करुणा आश्रम में किसी भी सक्षम प्राधिकारी से प्राधिकरण के बिना स्थानांतरित कर दिया गया था और उनकी वर्तमान स्थान और स्थिति अज्ञात है।

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