
smart classroom concept in india
विष्णु सोनी . सागर. बहेरिया स्थित शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में अब विद्यार्थी ऑनलाइन क्लास भी लेंगे, जिससे नई टेक्नोलॉजी से पढ़ाई के साथ कुछ नया कर सकेंगे। क्लास के बाद इन स्मार्ट क्लास रूम के कम्प्यूटर्स पर इंटरनेट के माध्यम से लेक्चर सहित अन्य टेक्नोलॉजी से परिचित होंगे और अपने सिलेबस के अलावा नए इनोवेशन कर करेंगे। स्मार्ट क्लास में स्टूडेंट्स इंटर एक्टिव लेक्चर, आईआईटी, आएससी, ऑनलाइन, रियल टाइम लेक्चर सहित ऑफलाइन लेक्चर, यूट्यूब, सोशल मीडिया, आईआईटी खडग़पुर, एआईसीटी वेबसाइट, आरजीपीव्ही वेबसाइट पर उपलब्ध विषय सामग्री का उपयोग करके पढ़ाई करेंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा तकनीकी शिक्षा में सुधार कार्यक्रम (टीईक्यूआईपी) के तहत सागर के बहेरिया स्थित शासकीय इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज में स्मार्ट क्लास की स्वीकृति दी गई है।
इसके लिए एमएचआरडी और स्टेट गवर्मेंट द्वारा 6 करोड़ रुपए भी स्वीकृत कर दिए गए हैं। ३ साल के इस प्रोजेक्ट का काम पिछले महीने से शुरू भी चुका है, जिसके तहत कॉलेज की सभी ब्रांचेस में १-१ स्मार्ट क्लास रूम बनाया जाएगा, जिसके तहत कम्प्यूटर पर बच्चे अपने सब्जेक्ट्स के ऑनलाइन लेक्चर पढ़-सुन और देख सकते हैं। प्रोजेक्ट के तहत कॉलेज में कम्प्यूटर, सर्वर, इंटरनेट और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर लगाया जाएगा। कॉलेज में इस समय ५ ब्रांच हैं, जिसमें सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रिानिक्स और आईटी शामिल हैं। इन ब्रांचेस के सभी सेमेस्टर में करीब 1200 स्टूडेंट अध्ययनरत हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए 24 शिक्षकों का स्टाफ है।
अपडेट करने की जरूरत
वर्तमान में इस इंजीनियरिंग कॉलेज में इस तरह की दो स्मार्ट क्लासेस चल रही हैं, जिसे लैग्वेज लैब और स्मार्ट क्लास रूम नाम दिया गया है। लेकिन आधुनिक संसाधन न होने के कारण इसे और अपडेट करने की जरूरत है।
आईटी संस्थानों में पहले से
अभी देश के बड़े प्रौद्योगिकी संस्थानों में इस तरह की स्मार्ट क्लासेस चल रही हैं, जहां ऑनलाइन क्लास लेकर विद्यार्थी कई इनोवेशन कर रहे हैं। हालांकि इसके अलावा अभी सभी संस्थानों में पारम्परिक क्लासेस चलती है, लेकिन स्मार्ट क्लास रूम में स्टूडेंट दुनिया भर की टेक्नोलॉजी व इनोवेशन से रू-ब-रू होते हैं।
टीईक्यूआईपी के तहत कॉलेज में स्मार्ट क्लास रूम बनाए जाने हैं, इससे स्टूडेंट ऑनलाइन क्लास अटैंड कर नई टेक्नोलॉजी से परिचित होंगे। प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है।
डॉ. डीआर दुबे, प्रिंसिपल, शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज
Published on:
07 Jan 2018 02:15 pm
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