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मंदिरों में एकादशी पर हुआ विशेष श्रृंगार

देवशयनी एकादशी पर मंदिरों में भगवान का अभिषेक, विशेष पूजा अर्चना, श्रृंगार व आरती की गई। देव शयन के साथ ही आज से विवाह व मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया।

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सागर

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Rizwan ansari

Jul 07, 2025

sagar

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आषाढ़ शुक्ल पक्ष देवशयनी एकादशी मंदिरों में भक्तिभाव से मनाई गई। भगवान विष्णु का शयन हुआ और भगवान ने भोलेनाथ को सृष्टि का प्रभार सौंप दिया। देवशयनी एकादशी पर मंदिरों में भगवान का अभिषेक, विशेष पूजा अर्चना, श्रृंगार व आरती की गई। देव शयन के साथ ही आज से विवाह व मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया। शहर के लक्ष्मीनारायण मंदिर, देव बिहारी मंदिर, बांके राघवजी मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, रसिक बिहारीजी मंदिर, चकराघाट स्थित श्रीकृष्ण-रुकमणीजी मंदिर सहित सभी मंदिरों में देवशयन की परंपरा के साथ पूजा अर्चना और एकादशी का व्रत कथा के साथ रात्रि जागरण हुआ। मंदिर में भगवान का नई पोशाक से विशेष श्रृंगार हुआ।

एकादशी की कथा सुनाई

पं. शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि एकादशी व्रत को करने से मनुष्य के जीवन में आनंद और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। देव बांके राघवजी मंदिर में राघवजी सरकार ने फूलों की शय्या पर शयन किया। पुजारी निताई दास ने भगवान का अभिषेक पूजन कर श्रृंगार किया। राज भोग आरती में भगवान को फलाहारी सामग्री एवं केसर युक्त दूध का भोग लगाया गया। शाम को भजन संध्या के बाद एकादशी व्रत कथा सुनाई गई।