
Suresh Gyaan Vihar University Jaipur Disturbance Mark sheet
सागर/शाहगढ़. सुरेश ज्ञान विहार विश्वविद्यालय जयपुर से बीए-बीएड की डिग्री कराने के नाम पर शाहगढ़ के कम्प्यूटर सेंटर संचालक द्वारा एक छात्र से ठगी कर उसे फर्जी अंकसूची थमाने का मामला सामने आया है। इस मामले की शिकायत पीडि़त छात्र के पिता ने एसपी और शाहगढ़ टीआई को आवेदन देकर की है। शाहगढ़ निवासी छात्र ताम्रध्वज दुबे के पिता केशव प्रसाद दुबे ने बताया कि उसका पुत्र शाहगढ़ में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था।
ताम्रध्वज की मुलाकात शाहगढ़ के निवासी कमलेश रायकवार से हुई थी। कमलेश बेटे को कम्प्यूटर सेंटर शाहगढ़ ले गया और दूरस्थ कोर्स द्वारा पढ़ाई करने की सलाह दी।
तब कमलेश कम्प्यूटर सेंटर चलाता था। कमलेश ने पुत्र को सुरेश ज्ञान बिहार विश्वविद्यालय की मान्यता प्राप्त दूरस्थ शिक्षण संस्थान से अवगत कराया। जिसके बाद ताम्रध्वज ने बीए-बीएड करने की इच्छा जाहिर की। उक्त पाठ्यक्रम प्रवेश 2013 में ताम्रध्वज से 15 सौ रुपए बतौर प्रवेश शुल्क जमा कराए और लगभग 15 दिन बाद उसने विवि में बीए-बीएड में प्रवेश मिल जाने की बात कही।
डिग्री तो नहीं मिली, उल्टा जेल गया छात्र
इस मामले में हैरानी की बात यह है कि 4 साल के कोर्स की फीस ३ लाख २० हजार रुपए अदा करने के बाद छात्र को जो अंकसूची दी वह फर्जी निकली। इसका पता छात्र को तब चला जब वह आरोपी द्वारा ओरीजनल मार्कशीट देने में आनाकानी करने से तंग आकर सीधा जयपुर विवि गया। यहां प्रबंधन ने मार्कशीट फर्जी बताई और उसका विवि में रजिस्टे्रशन तक होना नहीं बताया। वहीं, फर्जी मार्कशीट के मामले में छात्र पर मामला दर्ज करा दिया। इस वजह से पीडि़त छात्र को जेल तक जाना पड़ा। छात्र ताम्रध्वज ने पुलिस में शिकायत करने की बात कही तो विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अपने कर्मचारियों को बचाने के चक्कर में उसे ही फंसा दिया।
आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज की मांग
पीडि़त पिता और पुत्र ने आरोपी कमलेश रायकवार व मोहन पर रुपए के लालच में चार साल खराब करने और फर्जी डिग्री के नाम पर ३ लाख २० हजार रुपए की ठगी करने के आरोप लगाए हैं और दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
Published on:
28 Oct 2018 02:45 pm
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