
The demand of the district should not be fulfilled.
बीना. चालीस साल से चली आ रही जिला बनाने की मांग आज तक पूरी नहीं हो सकी है, इसके लिए कई आंदोलन, प्रदर्शन भी किए गए हैं। इसके बाद भी सरकार ने जिला बनाने की मांग को पूरा नहीं किया है। पत्रिका द्वारा चलाए जा रहे अभियान से लोग जुड़कर फिर मांग उठा रहे हैं।
जिले की मांग को लेकर गुरुवार को विप्र समाज ने एसडीएम को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि बीना तहसील प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली है, जिला बनाने का दावा सबसे पुराना व एकल दावा था, अब दूसरे शहर भी जिला की मांग करने लगे हैं। पिछले चालीस सालों में बीना जिला बनाओ समिति द्वारा समय-समय पर मांग व आंदोलन, धरना प्रदर्शन होता रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा से लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान भी सार्वजनिक मंच पर समय-समय पर जिला बनाने की घोषणा करते रहे हैं, लेकिन हर बार चुनाव होते ही वादा खिलाफी कर दी जाती है, जिससे लोगों के मन में आक्रोश है। पिछड़े कस्बों के लिए राजनीतिक लाभ के लिए जिला बनाने की घोषणा की गई है और मप्र के भौगोलिक नक्शा पर अस्तित्व में भी आ गए है, जबकि बीना सशक्त दावेदार जिला के लिए रहा है, जिसे केवल आश्वासन ही मिला है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीना रिफाइनरी के विस्तार के साथ पेट्रोकेमिकल प्लांट के माध्यम से 49 हजार करोड़ रुपए के कार्य का शिलांयास भी किया है, जिसमें लगभग दो लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लोगों को रोजगार भी मिलेगा, जिससे शहर में प्रशासनिक दबाव भी बढ़ेगा। अब जरूरी है कि शहर में ही जिला स्तरीय अधिकारी यहां बैठें। प्रशासनिक अनुकूलता न होने के कारण विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। रेलवे स्टेशन को भी अमृत भारत स्टेशन के तहत विकसित किया जाना है। बड़े प्रोजेक्ट के चलते बाहरी जनता के आवागमन में बढ़ोत्तरी होगी व अपराध बढ़ेंगे, इसलिए बीना को जिला बनाकर प्रशासनिक अमला बैठाया जाना चाहिए। ज्ञापन सौंपने वालों में सुनील सिरोठिया, मुरारी गोस्वामी, एचडी गोस्वामी, रामकुमार पुरोहित, उमेश शर्मा, नंदकिशोर, आशुतोष उपाध्याय, सीपी तिवारी, शिव शास्त्री, सुधीर रिछारिया, ब्रजेश शर्मा, ललित चौबे, सीताराम, हिम्मू आदि शामिल हैं।
Published on:
22 Sept 2023 12:55 pm
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