विश्व और देश कल्याण की भावना को लेकर वैदिक वाटिका में महारुद्र यज्ञ व शिव महापुराण केशव महाराज के सानिध्य में 12 से 14 जुलाई तक किया जा रहा है। पहले दिन शुक्रवार को गाजे-बाजों के साथ कलश यात्रा निकाली गई।
विश्व और देश कल्याण की भावना को लेकर वैदिक वाटिका में महारुद्र यज्ञ व शिव महापुराण केशव महाराज के सानिध्य में 12 से 14 जुलाई तक किया जा रहा है। पहले दिन शुक्रवार को गाजे-बाजों के साथ कलश यात्रा निकाली गई। मंत्रोच्चार एवं धार्मिक परंपराओं के अनुसार वैदिक वाटिका से कलश यात्रा निकाली, जो विभिन्न स्थानों से होते हुए वापस यज्ञ स्थल पर पहुंची। बड़ी संख्या में महिलाएं पीले वस्त्र धारण किए सिर पर कलश लेकर हर हर महादेव के जय घोष के साथ यज्ञ स्थल तक पैदल चलीं। आयोजक गुड्डू वानखेड़े व लता वानखेड़े ने व्यास पीठ का पूजन किया। सांसद लता वानखेड़े ने कहा कि भगवान शंकर की पूजा देवताओं ने भी की है, इसका उदाहरण रामायण में मिलता है जब भगवान राम लंका पर विजय करने जा रहे थे, तो उन्होंने पार्थिव शिवलिंग की स्थापना की थी। इसी प्रकार हनुमान महाराज ने भी भगवान शिव की पूजा की है। सावन में भगवान शिव की पूजा का बड़ा महत्व है, क्योंकि यह माह भगवान शिव का प्रिय माह है।
शनिवार को सुबह 8 बजे से यज्ञ स्थल पर रुद्री निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। वैदिक पद्दति से लगातार तीन दिनों तक असंख्य रुद्री निर्माण भक्त करेंगे। सांसद डॉ. लता गुड्डू वानखेड़े ने यज्ञ स्थल पर ही पूजन सामग्री, बेलपत्र, गंगाजल आदि की व्यवस्था की गई है। कलश यात्रा में मुख्य रूप आशालता सिलाकारी, शारदा खटीक, मीनाक्षी गौतम, सरोज दक्ष, कविता लारिया, प्रतिभा तिवारी, बेबी ठाकुर, जयंती मौर्य, रंजना तिवारी, मोनिका प्रजापति, दीपिका मालवीय, नीलम भट्ट, श्वेता राजौरिया, नमिता वानखेड़े, शुभि, हरिराम सिंह, रामेश्वर नामदेव, निकेश गुप्ता व उमेश सिंह केवलारी आदि मौजूद रहे।