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चरित्र को धारण करने वाले का जीवन स्वयं बोलता है : ऐलक दया सागर

उत्तम आकिंचन धर्म के अवसर पर नेहानगर मकरोनिया में धर्मसभा हुई। शुक्रवार को ऐलक दया सागर महाराज ने कहा कि यदि आराम चाहते हो तो राम की तरफ जाओ और यदि द्वंद चाहते हो तो दाम की तरफ जाओ, क्योंकि सुखी जीवन उसका ही हो पाया है।

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सागर

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Rizwan ansari

Sep 06, 2025

उत्तम आकिंचन धर्म के अवसर पर नेहानगर मकरोनिया में धर्मसभा हुई। शुक्रवार को ऐलक दया सागर महाराज ने कहा कि यदि आराम चाहते हो तो राम की तरफ जाओ और यदि द्वंद चाहते हो तो दाम की तरफ जाओ, क्योंकि सुखी जीवन उसका ही हो पाया है। जिसने परिग्रह को कम किया है अन्यथा परिग्रह को बढ़ाने वाले तो संसार में फंसते हुए ही देखे गए हैं। असली पाखंडी वह है जो पापों का खंडन उत्तम आकिंचन धर्म को अंगीकार करके करता है। उत्तम आकिंचन धर्म अंगीकार करके जगत को समझाने की जरूरत है। स्वयं उसको समझने की आवश्यकता है क्योंकि चरित्र को धारण करने वाले का जीवन स्वयं बोलता है। जिनेंद्र भगवान किसी के प्रति कोई भाव नहीं रखते हैं वह तो नासा दृष्टि को धारण करके ही अपने आप को स्वयं में स्थित कर भव से पार हो गए।