- समिति प्रबंधक द्वारा नियम कानून कायदे किनारे रखकर बड़े पैमाने पर केसीसी घोटाला किया गया तथा ऐसे लोगों के केसीसी बनाए, जिनका सेवा सहकारी समिति डिकौली से दूर तक लेना देना नहीं है। वहीं अपने परिवार के सदस्यों के नाम तय लिमिट से दस गुना अधिक राशि के केसीसी बनाए तथा राशि निकाल ली। समिति प्रबंधक ने पत्नी विद्या देवी अग्निहोत्री के केसीसी खाते से 29 जुलाई 2017-को तीन लाख, 30 जुलाई 17 को तीन लाख रुपए, 04 अगस्त 17 को तीन लाख रुपए कुल नौ लाख रुपए निकाले, यह ऋण राशि जमा नहीं की गई। इसके बाद 12 सितंबर 2017 छह लाख रुपए और दे दिए। – इसी प्रकार पुत्र रविकांत अग्निहोत्री को 18 लाख रुपए, भाई श्रीओम अग्निहोत्री के खाते में 15 लाख रुपए, बहू ममता देवी अग्निहोत्री के खाते में छह लाख रुपए, परिजन मन्नू लाल अग्निहोत्री के खाते में 15 लाख रुपए समय समय पर डाले।
शासन के नियमानुसार सहकारी समितियों में एक वित्तीय वर्ष में एक किसान को ढेड़ लाख रुपए की राशि देने की पात्रता है जबकि विद्या देवी अग्निहोत्री व अन्य परिजनों को दी गई यह राशि पात्रता राशि से दस गुना अधिक है।