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मोहर्रम पर रविवार को शहर में परंपरानुसार सवारियां व ताजिया निकाले गए। शाम को कई स्थानों से ताजिया व सवारियों को निकालने का सिलसिला शुरू हुआ, जो देर रात तक चलता रहा। कई लोगों ने प्रसादी वितरित कर श्रद्धालुओं का स्वागत किया। लोगों की भीड़ के चलते शहर में जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किया गया। शाम को सदर इलाके से आकर्षक रोशनी से झिलमिल ताजिया और बुर्राक निकलने की शुरूआत हुई। सदर बाजार में ताजिया एकत्रित हुए जो क्षेत्र में घूमे और फिर विसर्जन स्थल तक ले जाया गया। इमाम हुसैन साहब की शहादत की याद में कई युवक नारे भी लगा रहे थे।
सदर बाजार में करीब एक दर्जन ताजिया तैयार कर मोहर्रम के दौरान इबादत की जाती है। सदर के 12 मुहाल में कई ताजियों को क्षेत्र के लोगों द्वारा एक दिन पहले ही अपने-अपने घरों से बाहर लोगों के दर्शनों के लिए रखा गया था। यहां देर रात तक लोगों की भीड़ थी। हर साल की तरह इतवारी टौरी से मोहर्रम पर किन्नर समुदाय ने भी ताजिया निकाले। यहां वर्षों से ताजिया निकलने की परंपरा चली आ रही है।
हिंदू-मुस्लिम कौमी एकता और भाईचारे की प्रतीक पीली कोठी से शाम को बाबा की सवारी उठी। सवारी के साथ सैकड़ों की संख्या में हिंदू मुस्लिम समाज के लोग चल रहे थे। बाबा की सवारी से मिलने व अपनी मन्नतें लेकर कई श्रद्धालु यहां पहुंचे थे। शहर के अलग-अलग स्थानों से व निकली सवारियां भी कर्बला घाट पहुंची और शहर गश्त करने के बाद अपने-अपने स्थानों पर पहुंची।
हजरत सैय्यद अहमद मक्की चिश्ती रह.अ.जामा कॉम्प्लेक्स तीन बत्ती वाले बाबा की सवारी इस वर्ष भी माह मोहर्रम की 10 तारीख को शहर गश्त पर निकली। सवारी प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष अशरफ खान ने बताया कि नमाज शनीचरी स्थित मौनू बाबा के निवास स्थान से शुरु होकर झील वोट क्लब से तीन मढिय़ा,बस स्टैंड से होकर बकौली तिराहा से तिली रोड स्थित करबला घाट पहुंची। जहां बाबा ने सभी अरकान पूरे करते हुए रूकसती ली। सवारी में जावेद भाई, शेख असलम, राजीव भाई,नरेंद्र सरदार, ओम चौरसिया व आसिफ आदि मौजूद रहे।
Published on:
07 Jul 2025 05:20 pm
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