जो कर्मचारी नियुक्त उन्हें प्रशिक्षण तक नहीं दिला पा रहे अधिकारी, न दिए गए हैं सुरक्षा उपरकण, कर्मचारियों को घायल होने का रहता है खतरा
बीना. नगर पालिका में दमकल गाड़ियां तो तीन हैं, लेकिन आग पर काबू पाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ एक पर भी नहीं है। नपा की अन्य शाखाओं में पदस्थ कर्मचारियों की ड्यूटी दमकल पर लगाई गई है। यदि आग की बड़ी घटना हो जाए, तो उसपर काबू पाना मुश्किल होता है। इसके बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
नगर पालिका में तीन दमकल गाड़ियां शहर और ग्रामीण क्षेत्र के लिए उपलब्ध हैं। हर गाड़ी में एक ड्राइवर और एक सहायक नियुक्त किया गया है, लेकिन जो कर्मचारी नियुक्त हैं वह प्रशिक्षित नहीं हैं, जिससे छोटी सी आग पर काबू पाने में समय लगता है। यदि प्रशिक्षित कर्मचारी हों, तो यह परेशानी नहीं होगी। फायर सेफ्टी का कोर्स इन कर्मचारियों ने नहीं किया है और न ही कोई प्रशिक्षण दिलाया गया है, जिससे समय पर आग पर काबू पाना मुश्किल होता है।
छोटी सी आग बुझाने में लग जाता है कई टैंक पानी
कर्मचारियों को आग बुझाने का तरीका न होने के कारण छोटी सी आग बुझाने में कई टैंक पानी लग जाता है। कुछ दिन पूर्व कचरा के ढेर में आग लगी थी, जहां तीन टैंक पानी आग बुझाने में लगा था। क्योंकि कर्मचारी सिर्फ पाइप पकड़कर पानी डालना ही जानते हैं, उन्हें आग बुझाने का तरीका पता नहीं है।
टल गया था बड़ा हादसा
पिछले दिनों बसाहरी गांव के पास आग लगी थी और दमकल चालक तेज रफ्तार में गाड़ी दौड़ाते हुए जा रहा था, खिमलासा रोड पर शिशु मंदिर स्कूल के एक पास तीन बाइक सवार लोगों को टक्कर मार दी, जिससे एक युवती के पैर में चोट आई है। गनीमत रही कि दमकल गाड़ी अनियंत्रित होकर पलटी नहीं।
नहीं हैं कोई सुरक्षा उपकरण
नियमानुसार दमकल पर ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों के पास बॉयलर सूट, सेफ्टी शूज, हेलमेट, ग्लब्ज आदि होना चाहिए, जो नपा ने उपलब्ध नहीं कराए हैं। सुरक्षा उपकरण न होने के कारण कर्मचारियों के घायल होने का डर बना रहता है। आग बुझाते समय वह भी झुलस सकते हैं।
हो गया है अनुभव
तीन दमकल गाड़ियों पर तीन टीमें नियुक्त हैं। टीम में शामिल कर्मचारी प्रशिक्षित, तो नहीं है, लेकिन आग बुझाने का अनुभव हो गया है, जिससे उन्हें अब परेशानी नहीं होती है।
आरपी जगनेरिया, सीएमओ, बीना