भारी वाहन भी नहीं हो सके शहर से बाहर, सड़कों पर चलना मुश्किल
बीना. शहर में तीन ओवरब्रिज चालू होने के बाद शहरवासियों को राहत मिलने की जगह मुसीबत बढ़ गई है। ब्रिज बनने के बाद से भारी वाहनों का दबाव बढ़ गया है, जिससे शहर की मुख्य सड़कों पर चलना मुश्किल हो रहा है, इसके लिए अधिकारी भी कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
नगर में पांच ओवरब्रिज बनाए जाने हैं, जिसमें तीन चालू हो गए हैं और दो का निर्माण जारी है। तीन ब्रिजों में बीना-सागर रोड स्थित खुरई गेट, बीना-कुरवाई रोड स्थित झांसी गेट और तीसरा रेलवे बाइपास से गांधी चौराहे को जोड़ने वाला ब्रिज शामिल है। खिमलासा रोड और आगाासौद रोड पर ब्रिज निर्माण का कार्य जारी है। खुरई रोड पर बने ब्रिज से चौबीसों घंटे भारी वाहनों का आना-जाना रहता है, जो सीधे सर्वोदय चौराहा पहुंचते हैं, जहां जाम की स्थिति निर्मित होती है। गांधी चौराहा पर ब्रिज चालू होने के बाद यातायात का दबाव बढ़ गया है और यहां आए दिन हादसे होते हैं। चौबीसों घंटे शहर की मुख्य सडक़ से भारी वाहन गुजरने से छोटे वाहन चालकों को परेशानी होती है। यातायात की समस्या से निजात दिलाने अधिकारियों के पास कोई योजना भी नहीं है, जिसका खामियाजा नगरवासी भुगत रहे हैं। दिन में नो एंट्री भी नहीं है।
ओवरब्रिज बनाते समय नहीं दिया ध्यान
शहरवासियों का कहना है कि शहर में पांच ब्रिज तो बनाए गए हैं, लेकिन भारी वाहन शहर के बाहर से निकलें इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। यदि ब्रिजों का निर्माण शहर के बाहर से किया जाता है, तो भारी वाहनों की समस्या खत्म हो जाती। छोटे वाहन तो अंडरब्रिज से भी निकल जाते। तीन ब्रिज जो चालू हुए हैं वह सीधे शहर में ही उतारे गए हैं। इन ब्रिजों से सिर्फ रेलवे गेटों से निजात मिली है।
बाइपास, रिंग रोड भी अधर में
शहरवासी लंबे समय से बाइपास और रिंग रोड की मांग करते आ रहे हैं। रिंग रोड के सर्वे के लिए एमपीआरडीसी ने टेंडर भी निकाला था, लेकिन अभी तक इसमें कोई कार्य शुरू नहीं हुआ है। यदि रिंग रोड बनता है, तो शहर में भारी वाहनों का दबाव कम हो सकता है।
बनाया है प्रस्ताव
भारी वाहनों को शहर से बाहर करने के लिए प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर को भेजा गया है। क्योंकि ओवरब्रिजों से भारी वाहनों का दबाव शहर में बढ़ा है। रिंग रोड के सर्वे का टेंडर निकल चुका है।
विजय डेहरिया, एसडीएम, बीना