शताब्दी की रफ्तार पर भी लगा ब्रेक
बीना. कोहरे से निपटने के लिए रेलवे की तैयारी कामयाब साबित नहीं हो रही है। लोको पायलट और स्टेशन मास्टर सहित संचालन से जुड़े कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग और जागरूकता अभियान चलाए गए। वहीं, ट्रेन के संचालन पर कोहरे के कारण दिक्कत न हो इसके लिए रेलवे ने ट्रेन में फॉग सेफ्टी डिवाइस भी लगाई। इसके बावजूद ट्रेन की स्पीड पर कोहरे के चलते लग रहे ब्रेक को रेलवे रिलीज नहीं कर पा रहा है। इसका नतीजा यह है कि हल्के कोहरे में भी ट्रेन घंटों देरी से गंतव्य तक पहुंच रही हैं, इससे यात्री परेशान हैं। रेलवे, ट्रेन की लेटलतीफी दूर करने में खुद को असहाय महसूस कर रहा है। रविवार को कई ट्रेन अपने निर्धारित समय से घंटों लेट पहुंचीं, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सर्दी के मौसम में दिन और रात के तापमान में होने वाले बदलाव के चलते पटरी में फ्रैक्चर का समय से पता लगाने के लिए विशेष निगरानी के लिए भी पेट्रोलिंग कराई जा रही है। सिग्नल की दृश्यता के लिए उनपर लगे लेंसों की नियमित सफाई की जा रही है।
जरूरी काम वाले एक दिन पहले पहुंच रहे
जो लोग जरूरी काम से दूसरे शहर जाना चाहते हैं, वह अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले ही वहां पहुंच रहे हैं, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से लगातार ट्रेन लेट हो रही हैं, इसलिए समय से पहुंच पाना मुश्किल हो रहा है। हाल यह है कि कई लोग एक दिन पहले पहुंच रहे हंै, जिससे उनका समय के साथ बजट भी बिगड़ रहा है। पहले पहुंचने पर होटल का किराया भी अतिरिक्त देना पड़ रहा है। यात्री अंशुल ठाकुर ने बताया कि ट्रेन लेट होने के कारण उन्हें एक दिन पहले हैदराबाद की यात्रा करनी पड़ी, ताकि समय से गंतव्य तक पहुंच सकें।
कोहरे के कारण यह ट्रेन हुई लेट
- मालवा एक्सप्रेस - 5 घंटा 7 मिनट
- कुशीनगर एक्सप्रेस - 3 घंटा
- केरला एक्सप्रेस - 7 घंटा 13 मिनट
- दक्षिण एक्सप्रेस - 3 घंटा 33 मिनट
- नांदेड़ एक्सप्रेस - 7 घंटा 31 मिनट
- शताब्दी एक्सप्रेस - 1 घंटा 26 मिनट
- पंजाबमेल एक्सप्रेस - 1 घंटा