29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कला, साहित्य और संस्कृति को जीवंत रखने के लिए दो ऑडिटोरियम का होगा निर्माण : विधायक जैन

सागर. महाकवि पद्माकर की जयंती के अवसर पर महाकवि पद्माकर साहित्य अलंकरण सम्मान कार्यक्रम "पद्माकर समिति" के संयुक्त तत्वाधान में सिविल लाइन स्थित निजी होटल में आयोजित किया गया। साहित्यकार पंडित टीकाराम त्रिपाठी को विधायक शैलेंद्र कुमार जैन ने चौथा महाकवि पद्माकर साहित्य अलंकरण सम्मान प्रदान किया गया।

less than 1 minute read
Google source verification

सागर

image

Reshu Jain

Jan 09, 2025

padmakar

padmakar

पंडित टीकाराम त्रिपाठी पद्माकर अलंकरण से सम्मानित

सागर. महाकवि पद्माकर की जयंती के अवसर पर महाकवि पद्माकर साहित्य अलंकरण सम्मान कार्यक्रम "पद्माकर समिति" के संयुक्त तत्वाधान में सिविल लाइन स्थित निजी होटल में आयोजित किया गया। साहित्यकार पंडित टीकाराम त्रिपाठी को विधायक शैलेंद्र कुमार जैन ने चौथा महाकवि पद्माकर साहित्य अलंकरण सम्मान प्रदान किया गया। सम्मान के रूप में उन्हें 21 हजार रुपए नगद, शॉल,श्री फल एवं पुस्तकें भेंट की गई। विधायक जैन ने बताया कि यह चौथा सम्मान है इसके पूर्व में वरिष्ठ साहित्यकार निर्मल चंद्र निर्मल, डॉ. सुरेश आचार्य एवं डॉ. श्याम मनोहर सिरोठिया को महाकवि पद्माकर अलंकरण से अलंकृत किया जा चुका है। विधायक जैन ने कहा कि महाकवि पद्माकर सागर के गौरव है उनका जन्म सागर के भट्टो घाट पर हुआ। यह हम सभी के लिए गौरव का विषय है साहित्य के क्षेत्र में वह बहुत बड़ा नाम है जिन्होंने साहित्य की वृद्धि में बहुत योगदान दिया है हमने उनकी स्मृति में शहर में लगभग 13 करोड रुपए की लागत से एक बहुत बड़ा सभागार निर्मित किया है, जिसका नाम "महाकवि पद्माकर सभागार" रखा गया है। उन्होंने कहा कि कला संस्कृति और साहित्य हमारा मूल है इसको जीवंत रखना हम सभी का कर्तव्य है। हम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए दो ऑडिटोरियम का निर्माण और करने वाले हैं जिससे हमारे कलाकारों और साहित्यकारों के लिए अच्छा स्थान उपलब्ध हो सकेगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. श्याम मनोहर सारोठिया, उमाकांत मिश्रा, शरद सिंह, आरके तिवारी, पुष्पेंद्र दुबे, डॉ. आशीष द्विवेदी, डॉ. अरविंद गोस्वामी, डॉ राजेश शुक्ला, पूरन सिंह राजपूत, प्रदीप पांडे, अंबिका यादव, कुंदन पाराशर, कपिल बैसाखिया और हरी शुक्ला सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार उपस्थित थे।