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आज हर घर में फोर व्हीलर आ गई उसने गाय का स्थान ले लिया। फोर व्हीलर के लिए गाय घर में रख नहीं सकते हैं। गायों के माध्यम से धर्म का पालन होता है। जिस घर में गाय होती है उस घर से वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। यह बात मुनि विमल सागर महाराज ने बाहुबली काॅलोनी में सिद्धच्रक महामंडल विधान की घटयात्रा के बाद प्रवचन में कही। उन्होंने कहा कि गौशाला में दान देकर गाय को जीवन दान दे सकते हैं। आप जीवन दान देंगे आपको अभय दान मिलेगा। वर्ष 2000 में छिंदवाड़ा में आचार्य विद्यासागर के ससंघ सान्निध्य में पहली गौशाला प्रारंभ हुई थी। उस समय आचार्य ने कहा था एक गाय को जीवनदान दे दो या एक सिद्धच्रक विधान करा लो दोनों का पुण्य बराबर का है। रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर आप सभी को गुरुओं के साथ गायों की रक्षा का भी संकल्प लेना है। विधान में जो द्रव्य चढ़ेगी उसका उपयोग गोशाला में होगा। मुनि ने कहा निरंतर पुरुषार्थ करने से सम्यक दर्शन प्राप्त होता है। इसके लिए बाहरी निमित्त और भीतरी उपादान की जरूरत होती है। सम्यक दर्शन के लिए धर्म उपदेश, जाति स्मरण, जिन बिंब दर्शन, जिन महिमा दर्शन, देव रिद्धि दर्शन से भी सम्यक दर्शन की प्राप्ति होती है सम्यक दर्शन कब हो जाए। इसका पता नहीं चलता है। मुनि ने कहा भोजन आप प्रसन्नता से करते हैं उसी प्रकार भगवान के दर्शन करने जब मंदिर जाएं। उसी प्रसन्नता के साथ करें। विधानों का शिरोमणि सिद्धच्रक विधान है। सामूहिक रूप से धार्मिक अनुष्ठान, अभिषेक, शांतिधारा, स्वाध्याय आदि करते हैं। उसका आनंद ज्यादा आता है और प्रभावना भी बढ़ती है। सब चीजों को भूलकर धर्म का लाभ लेना चाहिए। अंत में धर्म ही काम आएगा और कुछ नहीं। मुकेश जैन ढाना ने बताया कि घटयात्रा के साथ सिद्धच्रक विधान शुरू होगा। पात्र शुद्धि, सकलीकरण के साथ ध्वजारोहण हुआ। ऋषभ जैन, मनोज जैन, सीए डॉ. प्रियेश जैन और राकेश जैन परिवार ने ध्वाजारोहण करेगा।
Published on:
30 Jul 2025 04:56 pm
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