
vivah muhurat 2017
सागर. शादी योग्य युवक-युवतियों को विवाह बंधन में बंधने के लिए इस बार ज्यादा इंतजार करना होगा। आमतौर पर हर वर्ष देव उठनी ग्यारस के बाद शादी सीजन शुरू हो जाता है। इस बार देव प्रबोधिनी एकादशी से देव जागने के बाद भी मांगलिक कार्य शुरू नहीं होंगे। इतना ही नहीं, गुरु व शुक्र अस्त के कारण शेष आधे वर्ष में विवाह आदि मांगलिक कार्यों के लिए लोगों को केवल 20 ही दिन मिलेंगे। उधर, विवाह के कम मुहूर्त होने से शादी सीजन के कारोबार से जुड़े लोग चिंतित हैं। क्योंकि उन्हें भी व्यापार के कम मौके मिलेंगे।
पहला सावा 19 नवंबर को
गुरु, शुक्र अस्त, मलमास, होलाष्टक आदि कारणों से लम्बे समय तक शादियां रुकी रहेंगी। पंडित संतोष शर्मा ने बताया कि 10 अक्टूबर से गुरु अस्त हो जाएंगे। इसके बाद 31 अक्टूबर को देव प्रबोधिनी एकादशी से देव जागेंगे। इस दिन स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त रहेगा। आगामी 11 नवंबर को गुरु उदय होने के बाद विवाह शुरू होंगे। इसके बावजूद पहला सावा 19 नवंबर को रहेगा।
मलमास के बाद अस्त होंगे शुक्र
पं. शर्मा ने बताया कि इसके बाद 14 दिसम्बर से मलमास लग जाएगा। 14 जनवरी 2018 को मकर संक्रांति के दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मलमास खत्म हो जाएगा, लेकिन शुक्र ग्रह अस्त हो जाएंगे। शुक्र ग्रह एक दिन पहले 13 तारीख को ही मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में सीमित समय के कारण विवाह स्थल संचालक, कैटरिंग व्यवसायी, हलवाई, बैंड व टैंट व्यापारी चिन्तित हैं। गत वर्ष जहां वे बुकिंग नहीं कर पा रहे थे, वहीं इस बार उन्हें बुकिंग के लिए तरसना पड़ सकता है। हालांकि एक उम्मीद यह भी है कि एक ही दिन में कई शादियां होने से कारोबार कुछ हद तक संभल जाए।
ये हैं विवाह मुहूर्त
नवंबर- 19, 23, 28, 29, 30
दिसम्बर- 1, 3, 4, 10, 11, 13
फरवरी 2018- 6, 7, 17, 20
मार्च 2018- 3, 6, 8
इनमें से पांच सावे दिन के हैं, जिन पर अमूमन कम शादियां होती हैं
ये रहेंगे अबूझ मुहूर्त
देव प्रबोधिनी एकादशी 31 अक्टूबर
बसंत पंचमी 22 जनवरी 2018
Published on:
10 Oct 2017 02:33 am
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