अब नजूल की भूमि का दूसरे के नाम पर नामांतरण कराने पर लगेगा पंजीयन शुल्क, अभी महज एक शपथ पत्र पर हो जाता है नामांतरण, पंजीयन विभाग को लगता है राजस्व का चूना, मामले सामने आने पर विभाग ने उठाए कदम, नोटिस भेजने की तैयारी
सागर. महज एक शपथ पत्र पर नजूल की भूमि का नामांतरण कराने से शासन को हो रही राजस्व आय में हानि को लेकर अब पंजीयन विभाग ने एेसे मामलों में कदम उठाए हैं। विभाग ने अब लीजधारियों को नोटिस देकर पंजीयन शुल्क जमा करने की तैयारी कर ली है। मसौदा तैयार होते ही बिना पंजीयन शुल्क चुकाए नजूल की भूमि का नामांतरण नहीं हो सकेगा। दरअसल पिछले दिनों खुरई तहसील में दस्तावेजों के सत्यापन में एेसे करीब दर्जन मामले सामने आए, जिनमें महज एक शपथ पत्र के आधार पर लीज पर ली गई नजूल भूमि, प्लॉट या मकान का नामांतरण दूसरे के नाम पर कराया गया है। शासन की आए बढ़ाने के लिए अब नजूल संबंधी भूमि का नामांतरण कराने पर पंजीयन शुल्क देना होगा। इसके लिए विभाग क्या होगा शुल्क और प्रक्रिया इसका मसौदा तैयार कर रहा है। इसके अलावा विभाग जिले की सभी 11 तहसीलों में पिछले 5 वर्षों के दस्तावेजों का भी सत्यापन करने जा रहा है।
जिले की सभी तहसीलों में होगा दस्तावेजों का सत्यापन
जिला पंजीयक विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले की 11 तहसीलों में लीज पर ली गई नजूल भूमि, प्लॉट, या मकान के नामांतरण में अब तक नगर निगम, नगर पालिका में एक शपथ पत्र देकर नामांतरण होने की प्रक्रिया प्रचलित है। वेश कीमती इन भूखंडों की इस प्रक्रिया से पंजीयन विभाग को पंजीयन शुल्क नहीं मिलता, इससे शासन को लाखों रुपए के राजस्व की हानि होती है। पिछले दिनों जिला पंजीयक रत्नेश भदौरिया ने खुरई तहसील व नपा में नजूल की भूमियों के दस्तावेजों का सत्यापन किया था। जांच की शुरुआत में करीब एेसे 10 दस्तावेज मिले जिनका नामांतरण महज एक शपथ पत्र के आधार पर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि, जिले की अन्य नगरीय निकायों में भी इसी प्रक्रिया को अपनाया गया है, इससे पंजीयन विभाग को राजस्व नहीं मिलता। बताया जा रहा है कि, अब विभाग ने सभी तहसीलों में पिछले 5 साल में हुए नामांतरणों के दस्तावेजों के सत्यापन कराने का फैसला किया है, साथ ही नामांतरण कराने वालों को कलेक्टर गाईडलाइन के मुताबिक पंजीयन शुल्क जमा कराने नोटिस देने का निर्णय भी लिया है।
सत्यापन कराया जाएगा
नजूल के भूखंडों के नामांतरण के दस्तावेजों का सत्यापन कराया जाएगा। खुरई में एेसे 10 प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें सिर्फ शपथ पत्र के आधान पर दूसरे के नाम पर भूखंड का नामांतरण किया गया है, इससे शासन को राजस्व आए में हानि होती है। दस्तावेजों का सत्यापन जिले की सभी तहसीलों में किया जाएगा। साथ ही पंजीयन शुल्क जमा करने के लिए नोटिस भी दिए जाएंगे।
रत्नेश भदौरिया जिला पंजीयक