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video: मजदूरों को नहीं स्वच्छ पानी की व्यवस्था, दूषित पानी पीने मजबूर, अठारह हुए बीमार

बीना रिफाइनरी में चल रहे शटडाउन के लिए आए हैं हजारों मजदूर, ग्रामीण क्षेत्रों में रोका गया है मदजूरों को, पानी खाना की नहीं है अच्छी व्यवस्था

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Workers who came to work in Bina refinery shutdown fell ill

Workers who came to work in Bina refinery shutdown fell ill

बीना. रिफाइनरी के शटडाउन में काम करने हजारों मजदूर दूसरे राज्य और शहरों से आए हैं, जो आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रूके हुए हैं। ग्राम विल्धई में रुके मजदूरों में 18 उल्टी, दस्त से पीड़ित हो गए। सूचना मिलने पर मंगलवार की रात स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहुंचकर इलाज शुरू किया।
जानकारी के अनुसार मजदूर गांव में लगे हैंडपंप का पानी पी रहे हैं, जिससे उन्हें उल्टी, दस्त शुरू हो गए और बुधवार को यह संख्या 18 पर पहुंच गई। इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई और बीएमओ ने तत्काल मौके पर टीम भेजी। टीम में शामिल डॉ. हर्षिता परिहार सहित अन्य स्टाफ ने गांव पहुंचकर इलाज शुरू किया। कुछ लोगों को गांव में रखा गया है, तो कुछ को रिफाइनरी अस्पताल में भर्ती किया है। उल्टी, दस्त से राजा दांगी, सूर्यांश अहिरवार, आशा, भरोसी अहिरवार, इन्द्राबाई, कीर्ति, गंगा अहिरवार, ग्याबाई अहिरवार, रामलाल अहिरवार, पवन आदिवासी, मथुराप्रसाद आदिवासी, अजब सिंह, राजा, हेदाबाई आदिवासी, मलखान आदिवासी, लक्ष्मी दांगी, उमा, वीरसिंह पीड़ित हैं। गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश के मौसम में भी हैंडपंप, कुआं में दवाएं नहीं डाली जाती हैं और इसका पानी पीने के बाद ग्रामीण बीमार होते हैं। पूर्व में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन फिर भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है। अधिकारियों की लापरवाही के चलते किसी दिन बड़ी घटना हो सकती है।

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पिछले चार दिनों से हो रहे थे बीमार
यहां रहने वाले लोग पिछले चार दिनों से बीमार हो रहे थे, लेकिन बीमारी का कारण पता नहीं चला था और फिर एक साथ ज्यादा लोगों के बीमार होने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई।
चौबीस घंटे रुकेगी टीम
बीएमओ डॉ. अरविंद गौर ने बताया की गांव में चौबीस घंटे एंबुलेंस और टीम रूकेगी, जिससे बीमारों को परेशानी न हो। बीमार होने का कारण हैंडपंप का दूषित पानी बताया जा रहा है।