ये बाेले अल्पसंख्यक मंत्री दरअसल, प्रदेश के अल्पसंख्यक मंत्री धर्मार्थ चौधरी लक्ष्मी नारायण का एक बयान आया है। इस बयान में मंत्री ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है इसमे सभी को राष्ट्रीय गान गाना चाहिए और भारत माता की जय भी बोलना चाहिए। उन्हाेंने यह भी कहा कि हमारे विभाग ने पिछले वर्ष यह फैसला किया था कि सभी मदरसाें में राष्ट्रीय गान गाना हाेगा आैर अगर कोई कोताही बरती गयी तो जांच कर कार्रवाई की जायेगी। इसी बयान पर देवबंदी उलेमा आग बबूला हाे गए हैं।
ये भी खबर हैःईद-उल-अजहा पर मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर उलेमा ने जताई चिन्ता ये बाेले माैलाना अथर उस्मानी मौलाना अथर उस्मानी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्री लक्ष्मी नारयण को देश के इतिहास की जानकारी नहीं है। देश की आज़ादी में मदरसे उलमाओं और तलबाओं ने जो कुर्बानियां दी हैं वो किसी से छिपी हुई नहीं हैं। यही वजह है कि हमारे देश का मुसलमान और हमारे देश के नौजवान बच्चों के जहन में हिन्दुस्तान के लिए माेहब्बत बसी हुई है। राष्ट्रीय पर्व के मौके पर नाैजवान और तमाम मुसलमान अपने-अपने घरों में और अपने संस्थानों में तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्रीयगान गाते हैं। अलपसंख्यक मंत्री ऐसी पार्टी के मंत्री हैं जिसका नेतृत्व आरएसएस करती है और आरएसएस ने मुल्क आज़ाद होने से पचास साल तक अपने मुख्यालय नागपुर में तिरंगा नहीं फैराया है। उस पार्टी के लोग आज हम मुसलमानों को देश भक्ति का सबक सिखा रहे हैं। हमें उनसे देश भक्ति सीखने की ज़रूरत नहीं है। जहां तक भारत माता की जय की बात है तो मुसलमान झंडा फैराता है, राष्ट्रगान भी गाता है, लेकिन भारत माता की जय मुसलमान नहीं कह सकता। भारत माता की जय कहने की मज़हब-ए- इस्लाम में इजाज़त नहीं है। मुसलमान हमेशा अपने मज़हब के दायरे में रहकर देश से माेहब्बत करता है और देश का राष्ट्रीय गान गाता है। उन्हाेंने यह भी कहा है कि जितनी माेहब्बत मुसलमानों के दिल में अपने वतन के लिए हैं इसकी वजह यह है कि हमारे बुज़ुर्गो ने उलेमाओं और मदारिसों ने जो कुर्बानियां दी हैं खून बहाया है इसका जीता जागता परिणाम यही है मुसलमान यहीं पैदा हुआ और यहीं मरता है। अपने देश की मिट्टी में दफन होता है
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ये बाेले मुफ्ती अहमद गाैड
मुफ्ति अहमद गौड ने कहा है कि लक्ष्मी नारायण जी आज मंत्री हैं कल नहीं रहेगें संवैधानिक तौर पर जनता ने उन्हे मंत्री बनाया है। संविधान हमेशा था हमेशा है और हमेशा रहेगा। संविधान ने लोगों को राष्ट्रीय गान गाने के लिए बाध्य किया है। संविधानिक तौर पर राष्ट्रीय गान गाना चाहिए। आज़ादी के समय से गाया जाता रहा है और गाया जाता रहेगा। ”भारत माता की जय” कहना अलग बात है। कोई भी किसी भी धर्म का आदमी किसी भी तरीके से अपने देश का सम्मान करता है वो करे और अगर किसी पर जबरदस्ती थोपा जा रहा है तो यह गलत है। इस तरह ब्यानबाज़ी करने वालो के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, उनको क्या हक है वो किसी को इस तरह से बाध्य करें कि भारत माता की जय कहना चाहिए। ”सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान” हमारा हम ऐसे नारे लगाते हैं। हम जय हिन्द भी कहते हैं हम देश का सम्मान कुर्बानी देकर करते हैं। 1947 से 1857 में और इनके अलावा कई तारीख ऐसी हैं जिनमें देश की आज़ादी के लिए मुसलमानों ने कुर्बानियां दी हैं। पड़ोसी देश से अपने देश के लिए लड़कर कई बार कुर्बानियां दी हैं। कोई भी व्यक्ति संवैधानिक पद पर बैठकर असंवैधानिक बाते करता है और असंवैधानिक काम करने के लिए मजबूर करे ये देश के संविधान का अपमान है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। देवबंदी उलेमाआें ने इस दाैरान चुनावी पैतरा भी फेंका आैर कह दिया कि आने वाले 2019 में देश की जनता इस बात का इनकों जवाब देगी भारत माता की जय कहने के लिए हमारा संविधान हमें बाध्य नहीं करता है। यह हमारी धार्मिक आस्था का मामला है। हम अपने धार्मिक आस्था के हिसाब से अपने देश का सम्मान करेगें भारत माता की जय कहना हमारे मज़हब में हमारे अकीदे के खिलाफ है। इसलिए हम भारत माता की जय नहीं कहेंगे। हमें मजबूर किया जा रहा है कि हमारे मजहब के हिसाब से देश का सम्मान करो हमारा संविधान इन सब बातों के लिए हमें मजबूर नहीं करता। हमारा संविधान कहता है कि संविधान के हिसाब से देश का सम्मान करो।
ये बाेले मुफ्ती अहमद गाैड
मुफ्ति अहमद गौड ने कहा है कि लक्ष्मी नारायण जी आज मंत्री हैं कल नहीं रहेगें संवैधानिक तौर पर जनता ने उन्हे मंत्री बनाया है। संविधान हमेशा था हमेशा है और हमेशा रहेगा। संविधान ने लोगों को राष्ट्रीय गान गाने के लिए बाध्य किया है। संविधानिक तौर पर राष्ट्रीय गान गाना चाहिए। आज़ादी के समय से गाया जाता रहा है और गाया जाता रहेगा। ”भारत माता की जय” कहना अलग बात है। कोई भी किसी भी धर्म का आदमी किसी भी तरीके से अपने देश का सम्मान करता है वो करे और अगर किसी पर जबरदस्ती थोपा जा रहा है तो यह गलत है। इस तरह ब्यानबाज़ी करने वालो के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, उनको क्या हक है वो किसी को इस तरह से बाध्य करें कि भारत माता की जय कहना चाहिए। ”सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान” हमारा हम ऐसे नारे लगाते हैं। हम जय हिन्द भी कहते हैं हम देश का सम्मान कुर्बानी देकर करते हैं। 1947 से 1857 में और इनके अलावा कई तारीख ऐसी हैं जिनमें देश की आज़ादी के लिए मुसलमानों ने कुर्बानियां दी हैं। पड़ोसी देश से अपने देश के लिए लड़कर कई बार कुर्बानियां दी हैं। कोई भी व्यक्ति संवैधानिक पद पर बैठकर असंवैधानिक बाते करता है और असंवैधानिक काम करने के लिए मजबूर करे ये देश के संविधान का अपमान है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। देवबंदी उलेमाआें ने इस दाैरान चुनावी पैतरा भी फेंका आैर कह दिया कि आने वाले 2019 में देश की जनता इस बात का इनकों जवाब देगी भारत माता की जय कहने के लिए हमारा संविधान हमें बाध्य नहीं करता है। यह हमारी धार्मिक आस्था का मामला है। हम अपने धार्मिक आस्था के हिसाब से अपने देश का सम्मान करेगें भारत माता की जय कहना हमारे मज़हब में हमारे अकीदे के खिलाफ है। इसलिए हम भारत माता की जय नहीं कहेंगे। हमें मजबूर किया जा रहा है कि हमारे मजहब के हिसाब से देश का सम्मान करो हमारा संविधान इन सब बातों के लिए हमें मजबूर नहीं करता। हमारा संविधान कहता है कि संविधान के हिसाब से देश का सम्मान करो।