script

Video डीएम से मिलने पहुंचे दिव्यांगाें का एेसे झलक दर्द, कह दी दिल छू लेने वाली बात

locationसहारनपुरPublished: Nov 13, 2018 09:45:59 am

Submitted by:

shivmani tyagi

सहारनपुर जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे थे दिव्यांग इसी दाैरान झलक उठा इनका दर्द, वीडियाे में देखिए बता रहे हैं दिव्यांग समाज में कैसा व्यवहार हाेता है उनके साथ

saharanpur news

Video डीएम से मिलने पहुंचे दिव्यांगाें एेसे झलक दर्द, कह दी दिल छू लेने वाली बात

सहारनपुर।

पेंशन बढ़ोतरी की मांग को लेकर जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे दिव्यांगों का सोमवार को यहां दर्द छलक उठा। अपनी व्यथा सुनाते हुए दिव्यांगों ने कहा कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी ऐसे दिया जाता है जैसे उन पर कोई व्यक्तिगत एहसान कर रहा हो। दिव्यांगों के मुताबिक अगर वह रोडवेज की बस में सफर करने के लिए सवार होते हैं तो परिचालक उन्हें बैठाने में भी परहेज करते हैं और ताना देते हैं कि सारे लंगड़े इसी बस में चढ़ आए हैं। इस तरह के उदाहरण देते हुए दिव्यांगों ने अपनी व्यथा सुनाई और कहा कि उन्हें समाज में सम्मानजनक नजरों से नहीं देखा जाता। लोग उनसे ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे वह मानव ना हों। इस तरह पेंशन बढ़ोतरी के साथ साथ इन दिव्यांगों ने आज यहां अपना सामाजिक हक भी मांगा और कहा कि समाज में लोग उन्हें बराबर का दर्जा दें सम्मान दें।

इस विकलांग ने कह दी दिल को छू लेने वाली बात
दिव्यांगों के साथ आए एक दिव्यांग ने तो जिला अस्पताल के डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए ऐसी बात कह दी कि जिसे सुनकर आप भी सन्न रह जाएंगे। दिव्यांग ने बताया कि वह जिला अस्पताल में सर्टिफिकेट बनवाने के लिए गए थे। उनकी एक टांग पूरी तरह से पोलियो ग्रस्त है। इस पर डॉक्टर ने 50% विकलांगता का सर्टिफिकेट बनाने से इंकार कर दिया। जब दिव्यांग ने डॉक्टर से कहा कि वह 50% का सर्टिफिकेट बना दें तो डॉक्टर ने दो टूक कह दिया कि अपनी दोनों टांग कटवा कर आओ मैं तुम्हारा 50% का सर्टिफिकेट बना दूंगा।

यह हैं मांगे
दिव्यांगों ने इस दौरान जिलाधिकारी को एक मांग पत्र भी दिया। इस मांग पत्र में प्रमुख रूप से इन मांगों को उठाया गया है

सभी दिव्यांगों को उनकी योग्यता अनुसार बेरोजगारी भत्ता कम से कम ₹9000 महीना दिया जाए। दिव्यांगों को नौकरी में 4% आरक्षण मिलता है जो कि बढ़ाकर 9% किया जाए। सभी सरकारी विभागों में दिव्यांग रिक्तियां भरी जाएं। दिव्यांग छात्रों को विशेष छात्रवृत्ति अलग से दिलवाई जाए। दिव्यांग जनों को मासिक पेंशन कम से कम ₹3000 दिलवाई जाए। स्वरोजगार के लिए दिव्यांगों को ब्याज मुक्त ऋण ₹100000 से ₹500000 तक दिलवाया जाए। दिव्यांगों को इलेक्ट्रिकल स्कूटी प्रदान कराई जाए। दिव्यांग व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। दिव्यांग जनों को बैंकिंग की सुविधा उनके घर पर ही मिलनी चाहिए। किसी भी दिव्यांगजन का कोई भी मानसिक उत्पीड़न अगर करता है उनके खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ कम से कम 5 साल की सजा का प्रावधान होना चाहिए।

ट्रेंडिंग वीडियो