
प्रतीकात्मक फोटो ( स्रोत पत्रिका )
Kanwar yatra : कानून के ठेकेदार बनकर कांवड़ मार्गों के होटल और ढाबा मालिकों से धर्म पूछने वालों पर अब सख्त कार्रवाई होगी। यह निर्देश उत्तर प्रदेश के पुलिस मुखिया ने मेरठ में दिए। उन्होंने कहा है कि यह काम प्रशासन का है, जिसे पूरी जिम्मेदारी के साथ कराया जा रहा है। प्रत्येक होटल और ढाबे पर एक बारकोड लगा दिया गया है। इस बार कोड स्कैन करके होटल के पूरे स्टाफ की जानकारी मिलेगी। यदि कोई टोली के साथ धर्म और कानून का ठेकेदार बनकर होटलों और ढाबों पर पहचान पूछकर माहौल खराब करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
कावड़ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए मेरठ पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी राजीव कृष्ण ने यह बातें अधिकारियों से कही। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने कहा की कांवड़ खंडित करने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ प्रदेश सरकार सख्त है। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होगी। कांवड़ मार्ग पर जो भी ध्वनि प्रदूषण करेगा उसके खिलाफ भी कोर्ट के आदेशों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। कांवड़ की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए और चौड़ाई 12 फीट तय की गई है। बोले कि, जो लोग प्रतिस्पर्धा में डीजे चलाते हैं उन्हे भी चिन्हित किया जाए।
मेरठ जोन में उत्तर प्रदेश हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के अधिकारियों के साथ मीटिंग करते हुए उन्होंने कहा कि कावड़ यात्रा के दौरान अगर कोई धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कृत्य करता है या फिर कावड़ को खंडित करने की कोशिश करता है तो ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा। होटल और ढाबों पर जो कर्मचारी काम कर रहे हैं या फिर जो मालिक हैं उनके बारे में कोई धार्मिक संगठन बनाकर पूछताछ नहीं करेगा। इससे महौल खराब होता है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी ने कहा कि होटल मालिक और कर्मचारियों की पहचान का कार्य एफएसएसएआई ( FSSAI ) को दिया गया है। एफएसएसएआई की ओर से सभी ढाबों और होटलों पर बारकोड लगाए जा रहे हैं। इन बारकोड को स्कैन करके पर वहां पर काम करने वाले कर्मचारियों और मालिक के बारे में सारी जानकारी ली जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग टोली बनाकर होटलों और ढाबों पर जा रहे हैं और वहां काम करने वालों की पहचान पूछ रहे हैं। इससे माहौल खराब होता है ऐसे लोगों से सख्ती के साथ निपटा जाए।उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष करीब 4 करोड़ श्रद्धालुओं ने हरिद्वार से कावड़ उठाई थी। इस बार यह संख्या और बढ़ सकती है। इसी को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम और बेहतर किए जाएं। ड्रोन से कांवड़ मार्ग की निगरानी की जाए। कावड़ मार्ग पर प्रत्येक एक किलोमीटर पर एक दरोगा और चार सिपाहियों को निगरानी के लिए लगाया जाए। इस मीटिंग में उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के साथ-साथ उत्तराखंड के भी अधिकारी मौजूद थे। यूपी में मेरठ जोन के आलावा आगरा, बरेली, मुरादाबाद, नोएडा और गाजियाबाद के पुलिस अफसर भी मीटिंग में मौजूद रहे।
कांवड़ यात्रा में सुरक्षा शुद्धता और सफाई पर विशेष रूप से ध्यान रखना की बात कही गई। सिंचाई विभाग के अफसरों को भी कहा गया कि वह गंग नहर में ज्यादा पानी न छोड़ें। इससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। यह निर्देश भी दिए गए कि जो दुर्घटना आशंकित क्षेत्र हैं उनको चिन्हित कर वहां सांकेतिक बोर्ड लगाए जाएं।
Updated on:
09 Jul 2025 08:27 am
Published on:
09 Jul 2025 08:25 am
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